Elijah Bible Story in Hindi- यह कहानी उस समय की है जब इजराइल का राजा अहाब हुआ करता था। अहाब की पत्नी भी थी जिसका नाम इज़ाबेल था। उस वक्त इजराइल के लोग मौसम के देवता बाल की पूजा किया करते थे और ऐसे-ऐसे काम भी किया करते थे जिससे ईश्वर नाराज़ होते है। इसराइल में पाप बढ़ता ही जा रहा था इस वजह से ईश्वर ने एलिजाह को एक संदेश राजा अहाब तक पहुंचाने को कहा।
एलिजाह एक ऐसे इंसान थे जो छोटी-मोटी गलती किया करते थे, बहुत सी चीजों से डरा करते थे लेकिन वह ईश्वर से प्यार करते थे और उन पर बहुत ही ज्यादा भरोसा करते थे।
ईश्वर का आदेश
एक दिन ईश्वर ने एलिजाह से कहा, “एलिजाह, इसराइल जाओ और वहां जाकर राजा अहाब से कहना कि वह अपने देश में पाप करना बंद कर दे और ईश्वर के मार्ग पर आ जाए अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो 3 सालों तक उसके देश में बारिश नहीं होगी। “
एलिजाह ने वही किया जैसा ईश्वर ने उससे कहा वह राजा अहाब के पास गया और उसे ईश्वर का संदेश दिया। एलिजाह ने राजा से कहा कि मेरे ईश्वर ने तुम्हारे लिए एक संदेश भेजा है उन्होंने कहा है कि तुम अपने सारे पाप करने बंद कर दो और अगर तुम ऐसा नहीं करोगे तो अगले 3 साल तक यहां बिल्कुल भी बारिश नहीं होगी।
अहाब मौसम के देवता बाल की पूजा किया करता था और उसे ऐसा लगता था कि उसके देवता कुछ भी हो जाए इस देश में अपनी कृपा बरसाते रहेंगे और यहां बारिश करते रहेंगे इसीलिए उसने एलिजाह की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने बुरे कामों को जारी रखा।
पूरे शहर में 3 सालों तक बारिश नहीं होने वाली थी और इसकी वजह से वहां खाने की और पानी की कमी हो सकती थी इसीलिए ईश्वर ने एलिजाह को छुपाने के लिए कहा।
इसके बाद एलिजाह एक ऐसी जगह पर छुप गया जहां एक पानी का स्त्रोत था और वहां से वह पीने का पानी ले सकता था। खाने के लिए उसे एक काला कौआ ब्रेड और मांस का टुकड़ा देकर जाता। वह काला कौआ उसे सुबह और रात को ब्रेड और मांस का टुकड़ा देकर जाता। कुछ समय तक एलिजाह वहाँ बिना किसी परेशानी के साथ रह रहा था।
धीरे-धीरे वह पानी का स्त्रोत भी सूखने लगा था और ऐसे में एलिजाह की चिंता बढ़ने लगी थी कि वह भविष्य के लिए पानी कहां से लाएगा क्योंकि वह जानता था कि अगले कुछ सालों तक बारिश नहीं होने वाली है तो ऐसे में वह ईश्वर से रोज प्रार्थना करता यह जानने के लिए की अब वह क्या करेगा और वह पानी कहां से लाएगा ?
ज़ारेफ़त
ईश्वर एलिजाह की प्रार्थना सुनते हैं और उससे कहते हैं, “एलिया, तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे साथ हूँ ज़ारेफ़त नामक जगह पर जाओ वहां तुम्हें एक औरत मिलेगी जो तुम्हें खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी देगी। “
एलिजाह ईश्वर पर भरोसा करता था इसीलिए उसने इस बार भी उनकी बात सुनी और ईश्वर के कहे मुताबिक उनकी बताई जगह पर चला गया।
अब एलिजाह ईश्वर द्वारा बताए हुए जगह पर जाने के लिए निकल पड़ा है। उसे वहां पहुंचते-पहुंचते कुछ दिन लगे लेकिन जैसे ही वह शहर के अंदर जाने लगे तभी उन्हें वहां एक औरत मिली। एलिजाह ने उस औरत से पूछा, “क्या तुम मुझे पीने के लिए एक कप पानी दे सकती हो और खाने के लिए कुछ ब्रेड? अगर मुझे यह दोनों मिल जाएगा तो अच्छा होगा मैं बहुत दिनों से भूखा हूँ। “
उस औरत ने एलिजाह से कहा, “देखने में ऐसा लगता है कि तुम ईश्वर पर विश्वास करते हो और उन्हें दिल से मानते हो और मैं भी ईश्वर को दिल से मानती और उन पर पूरी श्रद्धा से विश्वास करती हूं। लेकिन मेरे घर में थोड़ा सा ही आटा और बहुत ही कम मात्रा में तेल बचा हुआ है। जिससे कि मैं अभी का खाना बना सकती हूं। लेकिन आगे का खाना बनाने के लिए मेरे पास थोड़ा सा भी समान नहीं है और मुझे ऐसा लगता है कि आगे चलकर मैं और मेरे बच्चे भूख से मर जाएंगे। “
एलिजाह ने उस औरत की बात सुनी और वह उस औरत की चिंता को समझ सकते थे। ऐसे में एलिजाह ने उससे कहा, “तुम चिंता ना करो ईश्वर ने मुझे तुम्हारे पास ही भेजा है और उन्होंने मुझसे कहा है। तुम्हारे घर का आटा कभी खत्म नहीं होगा और तुम्हारे घर का तेल कभी नहीं सूखेगा जब तक इस धरती पर बारिश नहीं होती। लेकिन सबसे पहले तुम्हें उसमें से छोटा सा बेड बनाकर मुझे देना होगा। “
ईश्वर का चमत्कार
एलिजाह के बताए अनुसार उस औरत ने वैसा ही किया। वह तुरंत अपने घर गई और एक ब्रेड का टुकड़ा एलिजाह के लिए बनाने लगी। ब्रेड बनने के बाद वह उसे एलिजाह को देकर अपने घर वापस आती है। घर आते ही वह देखती है की उसके घर का आटा और तेल वापस से भर चूका था। यह देख कर वह अचंभित हो उठी। इसके बाद उसने फिर से अपने घर का आटा और तेल खली कर दिया। लेकिन वह फिरसे भर गया। अब वह रोज एलिजाह के लिए ब्रेड बनाती और उसे पानी देती।
ऐसा करते-करते समय बीतता चला गया लेकिन बारिश होने का नाम ही नहीं लेता क्योंकि यह ईश्वर का आदेश था। एक दिन अचानक उस औरत का बच्चा बीमार हुआ और बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत को देखकर उसकी मां ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी उसे रोता हुआ देख एलिजाह उसके पास आया और उससे कहने लगा, “क्या बात है तुम इतना क्यों रो रही हो?”
“ईश्वर मुझे मेरे पापों की सजा दे रहा है मैंने जो भी बुरे काम किए हैं इसकी सजा मुझे ईश्वर आज दे रहा है।” रोते हुए उस महिला ने एलिजाह से कहा,
एलिजाह ने उससे फिर पूछा “आखिर ऐसा हुआ क्या है जिसकी वजह से तुम इतना रो रही हो ?”
“वो नहीं रहा वह बहुत दिनों से बीमार था। मेरा बच्चा मर गया वह जिंदा नहीं है और यही कारण है कि उसके दुख में मैं इतना रो रही हूं। “
इसके बाद एलियाने उस औरत से कहा तुम चिंता मत करो तुम्हारा बेटा वापस से जी उठेगा। ऐसा कहने के बाद एलीजाह घर के अंदर गया और उस बच्चे के पास जाकर घुटने टेका और अपने दोनों हाथों को ऊपर करके ईश्वर से प्रार्थना करने लगा।
एलिजाह ने अपने प्रार्थना में कहा, “हे प्रभु मेरी प्रार्थना सुनिए आप गरीबों के शरणस्थान और उनके पिता है। हे प्रभु इस बच्चे को जीवित कर दीजिए। “
हर बार की तरह इस बार भी ईश्वर ने एलिजाह की प्रार्थना सुनी और बच्चा जीवित हो उठा। अपने बच्चे को जीवित देख औरत खुश हुए और उसने ईश्वर को शुक्रिया कहा।
समय बीता चला गया और वैसा ही हुआ जैसा ईश्वर ने कहा था। पुरे इजराइल में 3 साल तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई थी। सूखे के 3 साल बाद ईश्वर ने एलिजाह को फिर से आदेश दिया की वह इजराइल वापस लौट जाए। ईश्वर ने एलीजाह से कहा, “एलीजाह, मेरे बच्चे अब तुम इजराइल वापस लौट जाओ और वहाँ जाकर इजराइल की जनता को बताओ की उनका सच्चा ईश्वर कौन है। वे सब अँधेरे में है उन्हें रौशनी में लेकर आओ। “
एलिजाह इजराइल पंहुचा
जब एलिजाह इजराइल पंहुचा तो राजा अहाब उसे नगर में मिला। जैसे ही अहाब एलीजाह को देखा तो वह उसे भला बुरा कहने लगा और उसे इस बात का दोषी मानने लगा कि उसकी वजह से 3 साल तक इसराइल में बारिश नहीं हुई।
यह सब सुनने के बाद एलीजाह राजा साहब से कहा, “कल तुम कार्मेल पर्वत पर आ जाना और इजरायल की जनता के साथ-साथ अपने बाल देवता के पुजारियों को भी लेकर आना कल मैं तुम साबित करके दिखाऊंगा की इजराइल का सच्चा ईश्वर कौन है? “
अगले दिन कारमेल पर्वत पर इजरायल की जनता, अहाब और बाल देवता के पुजारी भी वहां पर इकट्ठा हुए। सबके आ जाने के बाद एलियाने सबसे कहा, “कब तक तुम लोग ऐसा करते रहोगे यदि प्रभु ही ईश्वर है तो प्रभु के अनुयाई बनो और यदि तुम्हारे बाल देवता ही ईश्वर है तो तुम सब बाल देवता के अनुयाई बने रहो। मैं आज तुम सबके सामने यह साबित करके दिखाऊंगा की हमारे सच्चे ईश्वर कौन है? मैं केवल अकेला नबी रह गया हूं और तुम्हारे बाल देवता के नबियों की संख्या पूरी 850 है। जाओ दो सांड लेकर आओ और उनको बेदी पर रखो लेकिन उन पर आग नहीं लगाई जाएगी जिसका देवता आज भेज देगा वही सच्चा देवता है। “
ऐसा कहकर एलीजाह बाल देवता की परीक्षा लेना चाहते थे। एलीजाह जानता था कि इसराइल के लोग एक झूठे देवता की पूजा करते हैं और सच्चा ईश्वर तो उसका ईश्वर है जो उसे सही रास्ता दिखाता है।
इजराइल की जनता एलीजाह के बाद पर प्रभावित होने लगी और कहने लगी कि हां यह अच्छा तरीका है यह पता लगाने का कि किसका ईश्वर सच्चा है? लेकिन दूसरी तरफ पुजारियों के अंदर का डर बढ़ने लगा था और वे सब जान चुके थे कि एलीजाह उन्हें ललकार रहा है।
लोगों को देखकर एलीजाह ने कहा, “तुम किस बात से घबरा रहे हो जाओ और जाकर दो सांड लेकर आओ। “
बाल देवता की परीक्षा
इसके बाद लोगों ने वही किया जैसे एलीजाह कह रहा था वे गए और दो सांड लेकर आए। सांड के आ जाने के बाद एलीजाह ने सबसे कहा कि पुजारियों की संख्या ज्यादा है तो मैं सबसे पहला मौका उन पुजारियों को देता हूं। इसके बाद सारे पुजारियों ने बेदी बनाई और सांड को तैयार किया और उस पर लिटा दिया। ऐसा करने के बाद सारे पुजारी अपने बाल देवता से प्रार्थना करने लगे, “बाल देवता अपनी आग भेजिए। इसे जलाइए और साबित करिए कि आप ही हमारे सच्चे ईश्वर है। “
इसके बाद एलीजाह ने उन पुजारियों का मजाक उड़ाया और कहा, “क्या बात है? तुम्हारे ईश्वर सो रहे हैं क्या या फिर उन्हें तुम्हारी कोई चिंता नहीं है?”
पुजारी घंटों भर अपने ईश्वर से प्रार्थना करने लगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। अब इसके बाद एलीजाह की बारी थी और उसे साबित करके दिखाना था कि उसका ही ईश्वर सच्चा ईश्वर है।
उन्होंने सबसे पहले बेदी तैयार की और सांड को उस पर रख दिया फिर उस पर लकड़ी रखने लग गए। इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसकी कोई भी उम्मीद नहीं कर सकता। उन्होंने लोग से कहा कि इस बेदी पर और इस सांड पर पानी डाल दो। लोग यह सुनकर चौक गए कि आखिर वे ऐसा करने के लिए क्यों कह रहे हैं? क्योकि पानी डालने के बाद वह तो बिल्कुल भी नहीं जल सकता।
सब कुछ हो जाने के बाद एलीजाह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, “हे ईश्वर, अब्राहम और इसाक के ईश्वर, इसराइल के ईश्वर हमें बताइए कि आप इसराइल के सच्चे ईश्वर हैं। मैंने वही किया जो आपने कहा आप लोगों को बताइए कि आप ही सच्चे ईश्वर हैं। “
एलीजाह ने सच्चे दिल से ईश्वर से प्रार्थना की और उसकी प्रार्थना ईश्वर ने सुनी। कुछ देर बाद उस बेदी पर अग्नि प्रज्वलित हुई और सांड जलने लगा यह देखकर इजरायल की जनता पुजारी और राजा चौक गए।
इजराइल की जनता ने वह सब देखा जो उनकी आंखों के सामने हो रहा था। यह देख कर बे सब जान चुके थे कि उनका सच्चा ईश्वर कौन है और उन्हें किस की प्रार्थना करनी चाहिए? ऐसा होने के बाद सारे पुजारियों को जनता ने मार दिया और राजा अहाब अपने महल में भाग गया। और इस तरह से एलिजाह ने इजराइल की जनता को उसके सच्चे ईश्वर से रूबरू करवाया।
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