नोहा का जहाज़ – Noah’s Ark Story in Hindi

Noah’s Ark Story in Hindi – जब समय की शुरुआत हुई जब ईश्वर ने इस दुनिया की रचना की तो इसमें सब कुछ था और वह भी बिल्कुल सही था। ईश्वर अपनी रचना से संतुष्ट थे लेकिन सब बदल गया जब आदम और ईव से गलती हो गई।

फिर भी ईश्वर ने उन्हें क्षमा कर दिया ताकि वह धरती पर जी सके और उनके आशीर्वाद से खुश रह सके लेकिन गलती नहीं सुधरी।

लोगो के द्वारा पाप बढ़ता गया और लोग ईश्वर को भूलने लगे। लोग ना तो ईश्वर से प्रार्थना करते और ना ही कोई गलत काम करने से पहले डरा करते।

इससे ईश्वर की नाराज़गी बढ़ती गई और उन्होंने सबको सज़ा देनें का सोचा। वैसे ईश्वर सबसे प्यार करते है लेकिन पाप इतना बढ़ गया था की अब बस यही रास्ता रह गया था। ईश्वर की इस सज़ा से वही बच सकता था जो उनपर सच्ची आस्था रखता था और उनसे प्रार्थना करता था।

नोहा का जहाज़ - NOAH'S ARK STORY IN HINDI
नोहा का जहाज़ – NOAH’S ARK STORY IN HINDI

नोहा की ईश्वर के प्रति श्रद्धा

नोहा नाम इंसान था जो ईश्वर से प्यार करता था और वह बड़ा ईमानदार था। ईश्वर के प्रति उसकी आस्था प्रसंसनीय थी।

एक दिन अचानक ईश्वर ने नोहा से कहा, “मेरे बच्चे तुम्हारे लिए एक संदेश है। “

“बताएं मेरे ईश्वर। ” नोहा ने ईश्वर से विनती करते हुए कहा।

ईश्वर ने नोहा से कहा, “सब से बात करो और उन्हें आगाह करो कि मैं धरती और उसमें मौजूद हर चीज को बर्बाद करने वाला हूं तुम एक जहाज बनाओ जिसमें हर प्रकार के 2 प्राणी के लिए जगह हो दुनिया के अंत से पहले ही काम हो जाना चाहिए यह तुम्हारी जिम्मेदारी है”

“जैसी आपकी आज्ञा मेरे पारा, पिता परमेश्वर। ” नोहा ने ईश्वर से कहा।
नोहा ने वही किया जैसा ईश्वर ने उससे कहा। अब वह जहाज बनाने की तैयारी में जुट गया।

“ईश्वर के कहे अनुसार मुझे एक बड़ी जहाज बनानी है एक ऐसी जहाज बनानी होगी जो पानी से बचे। ” नोहा ने खुसे कहा।

नोहा का जहाज़ - NOAH'S ARK STORY IN HINDI
नोहा का जहाज़ – NOAH’S ARK STORY IN HINDI

जहाज़ बनाने की शुरुआत

नोहा ने ढेर सरे पेड़ काटे और उन लकड़ियों को आकार देकर उनसे जहाज बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे जहाज ने आकार लेना शुरू कर दिया था।

वही दूसरी तरह नोहा लोगो से विनती करते लगा और लोगों को समझाने भी लगा की कृपया करके ईश्वर की राह पर चलो उनसे प्रार्थना करो वह तुम्हें क्षमा कर देंगे। वह हम सब से प्यार करते हैं अगर ऐसा नहीं किया तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।

लोगो ने नोहा से सवाल करना शुरू किया, “अगर हमने ईश्वर की बात ना मानी तो क्या होगा ?”

नोहा ने सवाल का जवाब दिया, “अगर हम उनकी बात नहीं मानेंगे तो 40 दिन तुक लगातार बारिश होगा और सुब कुछ बर्बाद हो जाएगा। सुब पानी में दुब जाएगा। “

लोगो ने कहा, “हमें तुम पर विश्वास नहीं है। यह बिल्कुल नामुमकिन है और मान लो अगर 40 दिनों तक बरसात हुई तो हम उसे निपट लेंगे। “

नोहा ने लोगो को खूब समझने की कोशिश की लेकिन जो होना था वह तय था।

फिर वापस ने नोहा अपने काम में लग गया। लेकिन अब लोग उसका मज़ाक उड़ने लगे। लोगो ने नोहा से कहा की देखो ये पागल हो गया है और जहाज़ बनाने में अपना समय बर्बाद कर रहा है। ईश्वर की जरुरत तो हमको नहीं बल्कि इस पागल को है।

दिन गुजरने लगा कोई बारिश नहीं हुआ। ऐसे में लोगो ने फिर कहा, “देखा बारिश नहीं हुई नोहा ने कहा था कि 40 दिनों तक बरसात होगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। “

“तुमने बिल्कुल सही कहा हमें कुछ भी नहीं होने वाला चलो चलें। ” दूसरे व्यक्ति ने कहा।

लोगो को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था की उनके साथ क्या होने वाला है। लोगो ने अपने गलत काम जारी रखें और पाप बढ़ता गया।

जहाज़ पूरा हुआ

अब जहाज़ लगभग तैयार हो गया था। नोहा ने बड़ी म्हणत से उस जहाज़ को तैयार किया था। अब बारी थी उस जहाज़ के परिक्षण की। नोहा देखना कहता था की उसका यह जहाज़ पानी में अच्छे से तैरेगा या नहीं। नोहा सफल हुआ। उसका यह जहाज़ सही सलामत पानी में तैर रहा था।

जहाज़ तैयार होते ही ईश्वर ने नोहा से कहा, ” सुनो नोहा सात प्रकार के स्वच्छ जानवर ले आओ जो जोड़ी में हो और दो जो स्वच्छ ना हो। अपनी बीवी अपने बच्चे और उनकी बीवियों को भी अपने साथ जहाज़ पर ले आओ। “

नोहा ने ईश्वर की आज्ञा का पालन किया और उसने वही किया जैसे ईश्वर ने नोहा से कहा था।
जहाज में 7 गाय, 7 भेड़, 7 बकरियां, 7 मुर्गियां, 7 बदक, 7 टर्की, दो शेर, दो भालू, दो हाथी, 2 जिराफ, 2 जेब्रा, दो डॉगी, दो बिल्लियां, दो छिपकली, दो मकड़ी और दो छोटे खटमल को जहाज पर ले आया। लोगों उसे अचंभित होकर देख रहे थे।

लोगो ने नोहा को देखा और कहा, “नोहा का दिमाग खराब हो गया है और सच में मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि वह उस बड़े जहाज से क्यों करना चाहता है वह भी उन बदबूदार जानवरों के साथ। “

नोहा जहाज़ के अंदर से लोगो को अफ़सोस के साथ देखता रहा और सोंचा की वह लोगो को ईश्वर की बातों पर विश्वास दिलाने में नाकामियाब रहा।

नोहा ने लोगों से कहा, “दोस्तों मैं आप सभी से विनती करता हूं कि आप भी इस जहाज में आ जाइए ताकि आप लोग भी सुरक्षित रहें। “

लेकिन उसकी बातो का फिरसे किसी ने यकीन नहीं किया।

उसका परिवार और सारे जानवरों ने जहाज़ के अंदर पूरी रात बिताई। अगले दिन सुबह जब जागे तो उन्होंने देखा कि बाहर सभी लोग उनका मजाक उड़ा रहे थे।

दूसरे दिन भी वही हुआ फिर तीसरे दिन भी वही और चौथे दिन भी। बारिश का नामोनिशान नहीं था। लेकिन फिर भी नोहा लोगो से विनती करता रहा की सुब जहाज़ में आ जाए। लोग वापस से उसका मज़ाक उड़ने लगे।

नोहा का जहाज़ - NOAH'S ARK STORY IN HINDI
नोहा का जहाज़ – NOAH’S ARK STORY IN HINDI

प्रलय की शुरुआत

फिर अचानक जहाज़ का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। बारिश लगातार गिरता रहा। दिन गुज़रते गए लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। दस दिन गुज़र गए लेकिन बारिश नहीं रुका। बिस दिन गुज़र गए बारिश नहीं रुका। देखते-देखते 35 दिन गुज़र गए, 36 दिन गुज़र गए, 37 दिन गुज़र गए लेकिन बारिश नहीं रुकी। अंत में 40 दिनों के बाद बारिश रुकी।

नोहा ने बाहर झाक कर देखा आस-पास पूरा पानी भरा हुआ था। दूर-दूर तक पानी ही पानी था। नोहा ने पानी सूखने का इंतज़ार किया।

एक सप्ताह बाद उन्होंने जहाज़ में एक झटका महसूस किया। नोहा को लगा की पानी सुख गया है जिसकी वजह से उनका जहाज़ किनारें से टकरा चूका है। नोहा ने बाहर झांक कर देखा लेकिन अभी भी पूरा पानी सूखा नहीं था लेकिन थोड़ी सी ज़मीन दिखने लगी थी। नोहा ने एक डव पक्षी को बहार की ओर भेजा ताकि वह कही ठहरने की जगह धुंध सके।

लेकिन वह पक्षी वापस आ गया इसका मतलब पक्षी को कही ठहरने की जगह नहीं मिली। नोहा समझ गया की पानी अभी भी पूरी तरह से सूखा नहीं है।

एक हफ्ता गुज़र जाने के बाद नोहा ने फिरसे डव पक्षी को ज़मीन की तलाश के लिए भेजा लेकिन वह फिरसे वापस आ गया। इस बार उस डव पक्षी के मुँह में ओलिव की पत्तियाँ थी। जिसे देख कर नोहा को समझ आ गया की पानी का स्टार नीचे होने लगा है और पौधे वापस से उगने लगे है।

उसने एक हफ्ता और इंतज़ार किया और फिरसे डव पक्षी को ज़मीन की तलाश में भेज दिया। इस बार धोवे पक्षी वापस नहीं आया। इसका मतलब यह था की पानी अब सुख चूका है।

नोहा का जहाज़ - NOAH'S ARK STORY IN HINDI
नोहा का जहाज़ – NOAH’S ARK STORY IN HINDI

एक नई शुरुआत

नोहा बाहर निकर आया। उसने देखा की आप-पास कितना सुन्दर दृश्य है। तभी ईश्वर ने जहाज़ का दरवाज़ा कोला दिया और नोहा से कहा, “नोहा मेरे बच्चे तुम सब अब बहार आ सकते हो। “

नोहा ने ईश्वर को शुक्रिया कहा।

आसमान से एक इंद्रधनुष निकला और फिरसे एक आवाज़ आई। यह आवाज़ ईश्वर की थी। उन्होंने सब कह।, “यह इंद्रधनुष इस बात का सबुत है की मैं अब कभी इस इस धरती को पानी से तबाह नहीं करूँगा। “

तो यह थी नोहा और उसके जहाज़ की कहानी। इस कहानी में हमने देखा की किस तरह से ईश्वर ने नोहा की सहायता की और उसका मार्गदर्शन किया। अगर हम ईश्वर पर सच्चे मन से और सच्ची श्रद्धा से विश्वास करते है तो मुसीबतो में हमारी सहायता करते है। ईश्वर हमें गलत राह में जाने से भी रोकते है।

अगर आपको नोहा और उसके जहाज़ की कहानी पसंद आई तो इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें। और अपनी राय कमेंट के साथ हमें ज़रूर बताए।

READ MORE STORIES IN ENGLISH

Interactive Children’s Stories For Church

Best Bedtime Story For Kids With Moral

Dinosaur Bedtime Stories For Kids

Cat Bedtime Story For Kids

Unicorn Bedtime Stories For Kids

The Little King – Story For Kids’ Bedtime

Story For Kids’ Bedtime Aladdin And His Magic Lamp Story

Dojo And The 7 Wonders – Story For Kids’ Bedtime

New Bedtime Stories Of Princess In Hindi

Bedtime Detective Stories For Kids

STORIES IN HINDI

10+ Short Story For Kids In Hindi – Bacchon Ki Kahaniyan

ड़ोजो और 7 अजुबें – Story For Kids In Hindi

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids In Hindi

लिली और भगवान-Story For Kids In Hindi

छोटा राजा -Story For Kids In Hindi

Princess Story in Hindi

What Type Of Story Kids Like Most In Hindi

Unicorn Story For Kids In Hindi

Cat Stories For Kids In Hindi

Dinosaur Short Stories For Kids In Hindi

Detective Stories For Kids In Hindi

4 thoughts on “Noah’s Ark Bible Story in Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *