आज के इस दौर में बच्चें परी तरह से इंटरनेट की ओर झुकते जा रहे है। ऐसे में उनका मनोबल, आत्मविश्वास ओर ईश्वर के प्रती विश्वास और आस्था मानों पूरी खतम सी हो गई है। आजकल के बच्चो मे देखा गया है की उनमें आत्मा विश्वास की कमी है। इन्हीं बातों को ध्यान मे रखते हुए हम आपके लिए लेकर आए है लिली की कहानी। इस कहानी के माध्यम से आप अपने बच्चों मे भगवान के प्रती आत्मविश्वास भी जगा सकते है।
इस कहानी को अंग्रेज़ी मे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- Lily And The God – Story For Kids’ Bedtime

लिली की कहानी
लिली एक प्यारी बच्ची है लेकिन थोड़ी शेतानियाँ भी करती है। लिली की शेतानियाँ ऐसी होती थी की जिससे किसी को कोई नुक्सान नही होता था।
एक दिन लिली बीमार हो गई। ऐसे में लिली थोड़ी उदास हो गई । उदास होकर उसने अपने पिताजी से कहा, ” पापा मैं जल्दी ठीक तो हो जाऊंगी ना?”
पिताजी ने जवाब देते हुए कहा, ” हाँ, बेटा तुम जल्दी ठीक हो जाओगी। इसके लिए हमें एक बार भगवान से प्रार्थना करनी होगी।”
जैसा पिताजी ने कहा लिली ने वैसा ही किया। उसने अपने हाथ जोड़े ओर कहा,”हे भगवान मुझे जल्दी ठीक कर दो, मैं आपसे विनती करती हूँ।”
ऐसा कहकर लिली ने दवाई खाई और सीधे सौ गई। अगले दिन लिली की नींद खुली ओर उसने देखा की वह पूरी तरह से ठीक हो चुकी थी। ऐसे में खुश होकर वह अपने पिता के पास गई ओर उनसे कहा, “देखिये पिताजी मैं पूरी तरह से ठीक हो गई हूँ। भगवान ने मुझे पूरी तरह से ठीक कर दिया।”
पिताजी ने कहा, ” हाँ, बेटा जब हम किसी भी परेशानी मे हो तब हम अगर पुरे दिल से भगवान से प्रार्थना करें तो वो हमारी बात जरूर सुनते है ओर हमारी मदद करते है।” फिर पिताजी ने लिली से कहा, “क्या तुमने उन्हें धन्यवाद कहा?”

लिली ने जवाब देते हुए कहा, “नहीं”।
पिताजी बोले, “तो फिर कर दो। उनको धन्यवाद कहना कभी मत भूलना।”
यह सुनकर लिली ने तुरंत हाथ जोड़े और भगवान को धन्यवाद कहा। और लिली ने निर्णय किया की अब से वह हमेशा भगवान से प्रार्थना करेगी और उनपर पुरे मन से विश्वास करेगी।
लिली की शरारतें
समय बीतता गया और लिली की शरारतें भी होती रही। एक दिन शरारत में लिली ने माँ का पसंदीदा गमला तोड दिया। लेकिन गमला तोड़ते वक़्त लिली को किसी ने नहीं देखा। इस बात को लेकर वह बहुत डर गई और सोचने लगी की वह क्या करें। ऐसे में उसे अपने पिताजी की बात याद आई और फिर तुरंत उसने भगवान से प्रार्थना किया। प्रार्थना के बाद वह सो गई।
लिली के सपने मे भगवान आए और उन्होनें लिली की परेशानी का हल बताया। भगवान ने लिली से कहा, बेटा तुमने जो भी किया वह अनजाने में किया। लेकिन, तुम्हे जाकर यह बात अपनी माँ को बतानी होगी ओर उनसे वादा करना होगा की तुम दुबारा ऐसी नी करोगी।” यह कहकर भगवान चले गए।
अगले दिन लिली ने वैसा ही किया जैसा भगवान ने उससे करने को कहा था। लिली अपने माँ के पास गई और बोली, “माँ, कल जो गमला टूटा था वह मुझसे गलती से टूटा था और मैं वादा करती हूँ की मैं ऐसा फिर कभी नहीं करूंगी।”
यह सुनकर माँ ने लिली की ओर देखा और कहा, “कोई बात नहीं मेरी प्यारी गुड़िया तुमने सच बोला इस बात से मैं खुश हूँ की तुमने सच कहा।” इसके बाद माँ ने लिली को ढेर सारा चॉकलेट दिया।
लिली यह देखकर बहुत खुश हुई और उसने फिर से भगवान को धन्यवाद कहा। इसके बाद उसने इस तरह की गलती कभी नहीं की। इससे लिली को सिख मिली की गलती करने पर अगर समय रहते उसे मान लिया जाए तो परेशानी खतम हो जाती हैं।

अब समय बीतता चला गया ओर लिली की शरारतें कम होती चली गई और भगवान की बताई हुई बातों को हमेशा याद करती। लेकिन, लिली की एक बुरी बात थी वह समय में अपना काम नहीं करती चाहे वह स्कूल का होम वर्क ही क्यो ना हो। इसी के चलते उसने छुट्टी में मिले होमवर्क को पुरा नहीं किया और जैसे ही छुट्टियों का समय खतम होने को आया तो वह परेशान होने लगी और इसी के चलते भगवान से प्रार्थना करने लगी।
इस बार भगवान फिर से उसके सपने में आए ओर कहा, “लिली, बेटा अपने काम को समय में ना करना बुरी बात है। समय रहते काम को खतम कर लेने में ही समझदारी है इससे हम आगे कर लिए समय बचा सकते है और हमारा समय भी बर्बाद नहीं होता। तुम्हें समय रहते अपना काम कर लेना चाहिए।”
अगले दिन लिली ने वही किया जैसा भगवान ने कहा था उसने मन लगाकर अपने होमवर्क को 3 दिन में खतम किया। इसके बाद वह सोचने लगी यह तो बहुत आसान था और इसके बाद उसने फिर से भगवान को धन्यवाद कहा।
अब लिली अपना सारा काम समय पर करने लगी और वह खुसी-खुसी रहने लगी।
इस कहानी से हमे पता चला की भगवान हमेशा हमें सही रस्ता दिखाते है ओर वो सबकी मदद करते है। बस जरूरत है की हमें भगवान पर विश्वास रखते हुए सच्चे मन से प्रार्थना करने की जरूरत है।
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