Honey Bee Story in Hindi. बसंत ऋतु का समय था। जंगल के सारे जानवर पशु पक्षी बहुत ही ज्यादा खुश थे क्योंकि पेड़ों में बेहतरीन और सुंदर-सुंदर फूल लग चुके थे। इन फूलों से मधुमक्खियां मधु निकालकर शहद बनाती। मधुमक्खियों के लिए शहद उनका खाना होता है। इस वजह से मधुमक्खियां भी बहुत ही ज्यादा खुश थी। एक दिन मधुमक्खियां पेड़ों के फूलों से मधु निकाल रही थी कि तभी एक घमंडी पेड़ उससे बोला, “क्या बात है? तुम हर वक्त यहां आकर हमारे फूलों का मधु चुरा कर ले जाते हो। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। तुम एक चोर की तरह हमारा मधु निकाल लेते हो।”
Read this story in English – Honey Bees and Trees-Honey Bee Story for Kindergarten
“माफ करना मेरे दोस्त। यह हमारा काम है और इससे हमें खाना भी मिलता है। इसीलिए हम ऐसा करते हैं।” मधुमक्खी ने पेड़ से कहा।
“तुम मेरे दोस्त नहीं हो तुम मेरे लिए एक चोर हो जो हमारी मधु को बिना पूछे चुरा कर ले जाता है। आज से तुम कभी भी मुझपर लगे हुए फूलों का मधु नहीं निकाल पाओगे।” यह कहकर पेड़ ने मधुमक्खी को भगा दिया।
कुछ देर बाद उस पेड़ ने अपने बाकी साथियों के साथ सभा बुलाई। उस सभा में जंगल के सारे पेड़ वहां मौजूद थे। उस पेड़ ने सबसे कहा, “दोस्तों, आज मैं बहुत ही जरूरी बात करने के लिए तुम लोगों को यहाँ बुलाया हूं।”
“अच्छा अगर ऐसी बात है तो हमें जल्दी बताओ।” दूसरे पेड़ ने उससे कहा।
“बात यह है कि मधुमक्खियों ने हद पार कर दी है। वे लोग आते हैं और बिना पूछे हमारे फूलों का मधु चुराकर चले जाते हैं। वह सब जरूरत से ज्यादा शहद बनाते हैं। आज से हम उन्हें अपना मधु लेने नहीं देंगे।”
उस पेड़ की बात पर बाकी सारे सहमत थे। उन्होंने भी मधुमक्खियों को अपने फलों का मधु देने से मना कर दिया।
अगले दिन मधुमक्खियों का झुंड जंगल में आया और जैसे ही वह फूलों के ऊपर बैठने लगे तब पेड़ों ने खुद को जोर से हिलाया। इसके बाद सारे मधुमक्खियां उड़ गए। वे सब वापस से फूलों के ऊपर बैठने लगे। लेकिन फिर से पेड़ों ने खुद को जोर से हिलाया। सब पेड़ो ने उनसे मिलकर कहा चली, “जाओ तुम सब यहां से और यहां मत आना। हमने निर्णय लिया है कि हम तुम्हें अपना मधु लेने नहीं देंगे। चले जाओ यहां से।”
यह सब बातें सुनकर वे सारी मधुमक्खी अपने छत्ते पर वापस लौट आए। सब ने मिलकर अपनी रानी मधुमक्खी से इस परेशानी के बारे में बात की। सबने रानी मधुमक्खी से कहा, “रानी, जंगल के सारे पेड़ों ने निर्णय लिया है कि वे अब से हमें अपने फूलों का मधु लेने नहीं देंगे। ऐसे में हम भूखे मर जाएंगे। अब आप ही बताएं कि हम क्या करें?”
यह सुनकर रानी मधुमक्खी बहुत ही चिंतित थी। कुछ देर विचार करने के बाद उन्होंने सबसे कहा, “हम इस जंगल को छोड़कर दूसरी जगह जाएंगे जहां हमें मधु आसानी से मिल सके।”

रानी की इस आदेश के बाद सारे मधुमक्खी जंगल छोड़कर चले गए। मधुमक्खियों को जंगल छोड़कर जाता देख सब पेड़ खुश थे। अब वह जंगल बिना मधुमक्खियों के था। जंगल में कोई भी मधुमक्खी नहीं बचा।
इसकी वजह से फूलों का पराग एक फूल से दूसरे फूल में नहीं जा पा रहा था। पेड़ों का फल आने बंद हो गए। फल के बीज भी नहीं हुए और जंगल में नए पेड़ उगने बंद हो गए। जंगल की हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी थी। ऐसे में पेड़ों ने फिर से सभा बुलाई। सारे पेड़ आपस में बात करने लगे की उनके ऊपर कल क्यों नहीं लग रहा?
तभी एक तितली उनके पास आई और बोली, “जब हम तुम्हारे फूलों में बैठते हैं और तुम्हारा मधु लेते हैं तब हमारे शरीर में फूलों के पराग चिपक जाता है। जब हम एक फूल को छोड़कर दूसरे फूल में बैठते हैं तो पराग दूसरे फलों में चला जाता है। ऐसा मधुमक्खियों के साथ भी होता है और वे यह काम करने में सबसे ज्यादा सक्षम है। अब वे यहां नहीं है इसीलिए पराग एक फूल से दूसरे फूल में नहीं जा रहे हैं।”
यह सब सुनकर पेड़ों ने आपस में निर्णय लिया कि वे वापस से मधुमक्खियों को बुलाएंगे और अपने फूलों का मधु लेने देंगे। इसके बाद पेड़ो ने एक कबूतर से कहा, “मेरे दोस्त तुम्हें एक संदेश लेकर मधुमक्खियों के पास जाना है। तुम्हें उनसे कहना है कि हमारे जंगल के सारे पेड़ उन्हें यहां वापस आने का निमंत्रण दे रहे हैं और वे जितना चाहे उतना मधू हमारे फूलों से ले सकते हैं। हम उन्हें मना नहीं करेंगे।”
यह खबर लेकर वह कबूतर मधुमक्खियों के पास चला गया उसने वह सारी बातें मधुमक्खियों की रानी को बताई। यह सब सुनकर मधुमक्खी की रानी वापस उस जंगल में लौटने के लिए राज़ी हो गई। रानी ने अपने सभी लोगों को आदेश दिया कि वे सब वापस उसी जंगल में जाएंगे जहां से वे आए थे। जैसे ही वे जंगल वापस पहुंचे सारे पेड़ो ने उनसे माफी मांगी और मधुमक्खी की रानी ने उनकी माफी को स्वीकार किया। अब वे सारे मधुमक्खी पेड़ों की फूलों से मधु ले सकते थे जिसके चलते पेड़ों में फल लगने चालू हो गए और वापस से बीज भी होने लगे। इससे जंगल में नए पेड़ फिर से उठने लगे।
Moral of the story – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें खुद पर ज्यादा घमंड नहीं करना चाहिए और दूसरों की सहायता करनी चाहिए। जिस तरह से पेड़ को पता था की मधुमक्खियों के लिए मधु उनका खाना होता है लेकिन वे उन्हें अपना मधू देने से मना कर देते है। जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमें दूसरों के लिए अच्छा काम करना चाहिए। Honey Bee Story in Hindi.
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