The Diligent Girl and The Lazy Girl Story in Hindi. बहुत समय पहले एक बूढ़ा व्यक्ति अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहता था। दोनों की एक-एक लड़की थी जो उनके पहले शादी से हुई थी। बूढ़े व्यक्ति की पत्नी अपनी बेटी को कुछ भी काम करने को नहीं कहती और उसे दिन भर आराम करने देती। इस वजह से वह बहुत आलसी बन चुकी थी। उसकी बेटी हमेशा खुद की प्रशंसा करती। लेकिन वह अपनी सौतेली बेटी को बहुत परेशान करती। वह उससे दिनभर घर का काम करवाती। कभी-कभी उसे एक काम को बार-बार करने को कहती। उसकी सौतेली बेटी बहुत ही अच्छी थी जो बिना शिकायत करें काम करती थी।

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एक दिन वह अपने पिताजी से बात करने पहुची ओर उनसे बोली, “पिताजी मुझे लगता है कि अब मुझे बाहर जाकर कुछ पैसे कमाने चाहिए जिससे कि हम घर को और अच्छे से चला सके। इससे आपके इलाज के लिए भी पैसा आ जाएगा और हमारे घर की हालत भी अच्छी हो जाएंगी।”

“हां मेरी बच्ची, तुम ठीक कह रही हो। वैसे भी तुम दिनभर काम करती रहती हो। इससे अच्छा अगर तुम किसी और के लिए काम करोगी तो तुम्हारे पास कुछ पैसे आ जाएंगे।” पिताजी ने अपनी बेटी से कहा।

जब वह दोनों आपस में बात कर रहे थे तब उसकी सौतेली मां भी वहां खड़े होकर उनकी बातें सुन रही थी। यह सुनकर वह मन ही मन सोचने लगी कि घर में उसकी सौतेली बेटी पैसे लेकर आएंगी और उसे वह लेकर अपनी ख्वाहिशों को पूरा करेंगी।

अगले दिन वह घर से रवाना होने वाली थी और किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करने वाले थी जिसके घर वह काम कर सके। जब वह घर से निकल रही थी तब उसके पिताजी ने उससे कहा, “बेटी तुम जहां भी जा रही हो अच्छे से जाना। किसी भी जरूरतमंद की मदन जरूर करना और बेसहारा की सहायता जरूर करना। हमेशा दूसरों के प्रति ईमानदार रहना।” पिताजी की यह बात सुनकर वह लड़की काम की तलाश में बाहर निकल गई।

The Diligent Girl and The Lazy Girl Story in Hindi

वो कई दिनों तक चलती रही लेकिन उसे कोई भी नहीं मिला जिसके यहां वह काम कर सके। लेकिन कुछ दिनों बाद उसे नाशपाती का पेड़ दिखाई दिया जो पूरी तरह से सूख चुका था। नाशपाती के पेड़ ने उस लड़की से विनती की, “हे लड़की क्या तुम मेरे लिए एक काम करोगी? बदले में मैं तुम्हारे लिए कोई नेक काम करूंगा।”

“क्या करना है मुझे बताइए?” उस लड़की ने पुछा।

उस पेड़ ने लड़की से कहा, “क्या तुम मेरी सूखी टहनियों को तोड़ सकती हो? अगर तुम ऐसा करोगी मुझे उन से छुटकारा मिल जाएगा और मुझ पर नए पत्ते आ जाएंगे।”

“जी हां मैं यह कर सकती हूं।” ऐसा कहकर उस लड़की ने पेड़ के सारे सूखी टहनियों को तोड़कर नीचे गिरा दिया। ऐसा हो जाने के बाद उस पेड़ ने उससे कहा, “तुम तो बहुत थक चुकी होगी। तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया।”

लड़की ने कहा, “कोई बात नहीं आपको मदद की जरूरत थी और मुझे मदद करना चाहिए था।” फिर वह आगे बढ़ चली।

कुछ देर आगे चलने के बाद उसने एक अंगूर की लता देखी। उस लता की जड़ों में कुछ परेशानी थी। अंगूर की लता ने उस लड़की से कहा, “हे लड़की क्या तुम मेरे लिए एक काम करोगी? बदले में मैं तुम्हारे लिए एक नेक काम करूँगा। क्या तुम मेरे जड़ों के पास की मिट्टी को खोद सकती हो जिससे कि मैं अच्छे से ठीक हो सकूं?”

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“जी हां क्यों नहीं, मैं जरूर कर सकती हूं। इसके बाद लड़की ने पास में पड़े हुए कुदाल को उठाया और उस जगह की मिट्टी को खोदने लगी। मिट्टी खोदते-खोदते उसके हाथ सूज चुके थे और उसके हाथ गंदे भी हो चुके थे। काम पूरा हो जाने के बाद अंगूर की लता ने उससे कहा, “आपका बहुत-बहुत शुक्रिया लेकिन आपके हाथ सुज चुके हैं और गंदे हो चुके हैं।”

“कोई बात नहीं यह ठीक हो जाएगा। आपको मदद की जरूरत थी और मुझे मदद करना चाहिए था।” यह कहकर वह आगे बढ़ चली।

चलते-चलते उसे एक तंदूर दिखा जिसकी हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी। उसे देखकर समझ में आ सकता था कि कई दिनों तक उस पर कोई भी काम नहीं हुआ है। जैसे ही तंदूर ने लड़की को देखा वह उससे बोला, “हे लड़की, क्या तुम मुझे ठीक कर सकती हो? बदले में मैं तुम्हारे लिए एक नेक काम करूंगा।”

“हां मैं तुम्हें अच्छे से ठीक कर सकती हूं।” ऐसा कहकर लड़की ने पास में पड़े मिट्टी को अपने पैरों से अच्छे से मिलाया। फिर उस मिट्टी से लड़की ने तंदूर को ठीक किया। तंदूर के ठीक हो जाने के बाद उसने लड़की से कहा, “तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया लेकिन तुम्हारे हाथ और पैर बहुत ही ज्यादा गंदे हो चुके हैं।”

“तुम इसकी चिंता मत करो यह धुल जाएंगे। आपको मदद की जरूरत थी और मुझे मदद करना चाहिए था।” यह कहकर वह फिर से आगे बढ़ चली।

आगे चलते-चलते उसे एक कुआं मिला। उस कुए ने उससे कहा, “क्या तुम मेरे अंदर का बासी पानी निकल कर मुझे अच्छे से साफ़ सकती हो? बदले में मैं तुम्हारे लिए एक नेक काम करूंगा। कोई भी मेरे पास आकर मेरा पानी नहीं पीता क्योंकि मेरा पानी बासी हो चुका है।”

“हां, मैं कर सकती हूं।” यह कहकर उस लड़की ने कुए का सारा बासी पानी निकाला और उसे अच्छे से धोकर साफ किया। इसके बाद कुए ने उसे शुक्रिया कहा।

“कोई बात नहीं आपको मदद की जरूरत थी और मुझे मदद करना चाहिए था।” लड़की ने कुए से कहा।

अब वह खुशी-खुशी आगे बढ़ चली। कुछ देर आगे चलने के बाद उसे एक गंदा कुत्ता मिला। उस गंदे कुत्ते ने लड़की को देखकर कहा, ‘हे लड़की, क्या तुम मुझे नहला सकती हो? मुझ पर बहुत ही ज्यादा धूल और मिट्टी लगा हुआ है। बदले में मैं तुम्हारे लिए एक नेक काम करूंगा।”

“हां, यह मैं कर सकती हूं।” यह कहकर लड़की उस कुत्ते को नदी के पास ले गई। उसे अच्छे से नहलाया। नहलाने के बाद में कुत्ता बहुत ही अच्छा दिख रहा था। लड़की ने खुद भी अच्छे से नहाया और खुद को साफ किया। यह हो जाने के बाद कुत्ते ने उससे कहा, “तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया।”

“कोई बात नहीं आपको मदद की जरूरत थी और मुझे मदद करना चाहिए था।” उस लड़की ने कहा।

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वह फिर से आगे बढ़ चली। आगे चलते-चलते उसे एक बड़ा सा महल दिखाई दिया। उसने सोचा कि वह महल के अंदर जाएगी और काम मांगेगी।

अन्दर 7 परियाँ थी। उन सातों ने उससे कहा, “तुम्हें घर का अच्छे से सफाई करना होगा। यहां कुल 7 कमरे हैं जिनमें से तुम्हें सिर्फ और सिर्फ 6 की सफाई करनी है और सातवें कमरे को खोल कर नहीं देखना है।”

“जी हां मैं वैसा ही करूंगी जैसा आप कह रही है।” लड़की ने उनसे कहा।

इसके बाद वह लड़की बहुत ही अच्छे से महल की साफ सफाई करने लगी और बाकी के 6 कमरों की भी सफाई बहुत अच्छे से करती। उसने कभी भी सातवें कमरे की ओर नहीं देखा।

काम करते-करते 2 महीना बीत गया। 2 महीनों के बाद उस लड़की को ढेर सारे पैसे मिले। परियों ने उससे पूछा, तुमने सातवें कमरे पर जाने की कोशिश क्यों नहीं की?”

“क्योंकि मेरे पिताजी ने मुझसे कहा था की अपने काम के प्रति और दूसरों के प्रति ईमानदार होना जरुरी है। इसलिए मैंने कभी उसके बारे में सोचा ही नहीं।”

लड़की की यह बात सुनकर परियाँ बहुत खुश हूई। फिर परियाँ उसे सातवे कमरे में ले गई। जैसे ही उन्होंने सातवाँ कमरा खोला वहां पर बहुत सारे सोने और चांदी के सिक्के थे। उन्होंने उस लड़की से कहा, “तुम यहाँ रोल करो। तुम्हारे शरीर में जितना सिक्का चिप्केगा उतना तुम अपने साथ लेकर जा सकती हो।”

उस लड़की ने वैसा ही किया। वह उन सिक्कों के ऊपर रोल करने लगी और उसके शरीर में बहुत सारे सिक्के चिपक गए। वह अपने कमाए हुए पैसे और उन सारें सिक्को को लेकर अपने घर की ओर वापस लौट चली।

रास्ते में उसे वह कुत्ता मिला जिसके शरीर पर बहुत सारी मोतियाँ लगी हुई थी। उस कुत्ते ने उससे कहा, “हे लड़की तुमने मेरी मदद की थी और मैं तुम्हें यह सारी मोतियाँ देता हूं।”

वह उन मोतियों को लेकर आगे बढ़ चली। आगे उसे वह कुवा मिला। उसने लड़की से कहा, “हे लड़की तुमने मेरी सफाई की थी। मेरे पास आओ मेरा पानी पियो।”

उसने कुएं का पानी पिया और आगे बढ़ चली। फिर उसे वह तंदूर मिला। तंदूर ने उससे कहा, “मेरे पास आओ और यहां जो भी रखा हुआ है तुम उसे खा सकती हो। लड़की ने वहां से केक उठाया और उसे मजे से खाकर आगे बढ़ चली।

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आगे उसे वह अंगूर की लता मिली उसने उससे कहा, “हे लड़की मेरे पास आओ और मेरा वाइन पियो।” लड़की ने उसका ढेर सारा वाइन पिया और अपने घर के लिए थोड़ा सा ले ली। इसके बाद वह आगे बढ़ चली आगे जाकर उसे वह नाशपाती का पेड़ मिला। पेड़ ने उससे कहा, “हे लड़की मेरे पास आओ और मेरा फल खाओ।” उसने वह फल खाया और आगे की ओर चल पड़ी। कुछ दिनो बाद वह अपने घर जा पहुची।

जैसे ही वह घर पहुंची उसने देखा कि उसके पिताजी पहले से और भी ज्यादा अच्छे थे। उसकी सौतेली मां उसे देखकर चकित रह गई थी उसके पास ढेरों पैसे थे। सौतेली मां तुरंत अपनी बेटी के पास गई और उसे जाकर बोली, “तुम्हें भी जाकर किसी अमीर व्यक्ति के यहां काम करना चाहिए और ढेर सारे पैसे कमाने चाहिए।” यह कहकर उसने अपनी बेटी को भी घर से बाहर भेज दिया।

The Diligent Girl and The Lazy Girl Story in Hindi
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उसे भी वे सारे लोग मिले जो उसकी बहन को मिले थे। लेकिन उसने उनकी सहायता करने से मना कर दिया और आगे बढ़ चली। वह भी परियों के घर जा पहुंची। उसे वहां पुरा घर और 6 कमरों की सफाई करने का काम दिया गया। लड़की को मना किया गया था कि उसे सातवें कमरे में नहीं जाना है लेकिन उसने सातवाँ दरवाजा खोल दिया।

कमरे के अंदर मेंढक और बहुत सारी मधुमक्खियां थी। मधुमक्खी और मेंढक सीधे उसके ऊपर टूट पड़े जिससे कि उस लड़की के शरीर में बहुत सारे घाव हो गए। अपने शरीर के घावों को लेकर वह वापस अपने घर की ओर जाने लगी।

रास्ते में उसे वह कुत्ता मिला जिसमें मोतिया लगी हुई थी। कुत्ते ने वह मोतिया देने से मना कर दिया। फिर वह आगे गई जहां उसे कुआं मिला। कुए ने भी उसे पानी देने से मना कर दिया। इसके बाद उसे वह तंदूर। तंदूर ने भी उसे कुछ भी देने से मना कर दिया। फिर वह आगे चली गई।

आगे उसे वह अंगूर की लता मिली। अंगूर की लता ने भी उसे वाइन देने से मना कर दिया। फिर आगे वह नाशपाती के पेड़ के पास गई। नाशपाती ने भी उसे फल देने से मना कर दिया।

इस तरह से वह बुरी हालत में अपने घर में जा पहुंची। The Diligent Girl and The Lazy Girl Story in Hindi.

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