संगीतमय गधा The Musical Donkey In Hindi. यह कहानी एक गधे की है जिसका मालिक एक धोबी था। धोबी बहुत कंजूस था इस वजह से वह गधे को ठीक से खाना नहीं देता था। खाना ना मिलने की वजह से वह गधा कमजोर पड़ गया। कई बार धोबी उसे दूसरी जगह भेज देता ताकि वह जाकर घास खा सके। एक दिन गधा खाने की तलाश में अपने घर से दूर जंगल की ओर चला गया। जंगल में चलते-चलते उसके पास एक गीदड़ आया और उससे बोला, “क्या बात है मेरे दोस्त तुम इतने कमजोर क्यों लग रहे हो? क्या तुम्हें खाना नहीं मिलता?”

यह सुनकर गधा उदास हो गया और उदास होकर गीदड़ से बोला, “मेरा जीवन बहुत दुखद है मेरे दोस्त। मेरा मालिक मुझे ठीक से खाना नहीं देता और इसी वजह से मैं कमजोर हो चुका हूं। वह मुझे यूं ही छोड़ देता है और देखो आज भी वह मुझे घास चरने के लिए छोड़ दिया। मैं चलते-चलते यहां आ गया।”

यह सुनकर गीदड़ को भी उस गधे पर दया आ गई तब उसने गधे से कहा, “तुम चिंता मत करो मेरे पास पेट भरने का बहुत ही अच्छा इंतजाम है। यहां से कुछ ही दूर एक बाग है उस बाग में स्वादिष्ट सब्जियां और फल है। वह सब्जी और फल खाकर हम वापस से तंदुरुस्त हो सकते हैं। मैं तो वही जाकर अपना पेट भरता हूं। उस बाग में जाने का एक छोटा सा रास्ता है। चलो आओ मैं तुम्हें वहां लेकर जाता हूं।”

संगीतमय गधा The Musical Donkey In Hindi

गधे को गीदड़ की बात अच्छी लगी और उसे भूख लगी थी। इस वजह से वह गीदड़ के साथ बाग की ओर चला गया। चलते हुए दोनों बाग के नजदीक पहुंच गए। फिर गीदड़ ने उससे कहा, “अब इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी है मेरे दोस्त। आज तुम ऐसे स्वादिष्ट और लजीज फल सब्जियां खाओगे जिसे तुमने कभी नहीं खाया होगा। चलो आओ मेरे पीछे मैं तुम्हें अंदर लेकर चलता हूं।”

यह कहकर वह गीदड़ अंदर चला गया और उसके पीछे पीछे वह गधा भी अंदर चला गया। बाग के अंदर जाते ही गीदड़ ने देखा कि वहां ढेर सारी सब्जियां और फल थी। दोनों ने मिलकर पेट भरकर खाना खाया और फिर उसके बाद वहां से चले गए।

अब वह गधा खुश था इसलिए गधे ने निर्णय किया कि वह वापस घर नहीं जाएगा और अपने दोस्त के साथ यही रहेगा। वे दोनों रोज उस बाग में जाकर अपना पेट भरते थे। दोनों का जीवन अच्छा चल रहा था और गधा तंदुरुस्त हो चुका था। एक दिन दोनों गीदड़ और गधा बाग में गए। वहां गधे ने जमकर फल और सब्जियां खाई। उसका पेट इतना भर गया था कि वह अपना होश खो बैठा। तभी उसने अपने दोस्त गीदड़ से कहा, “दोस्त क्या तुम जानते हो मैं बहुत अच्छा गाना गाता हूं? और मैं तुम्हें अभी गाना गाकर सुनाऊंगा।”

यह सुनते ही गीदड़ घबरा गया क्योंकि गधे के गाना गाने से उसकी आवाज बाग के मालिक तक पहुंच जाती। ऐसे में बाग का मालिक दोनों को पकड़ने वहां आ जाता। इसी वजह से गीदड़ ने गधे को शांत कराने की कोशिश की और उससे कहा, “अरे दोस्त, गधे थोड़ी ना अच्छा गाना गाते हैं।”

यह सुनकर गधे ने कहा, “गधे बहुत अच्छे गायक होते हैं वे मधुर स्वर में ढेचू-ढेचू करके गाना गाते हैं।” गीदड़ समझ चुका था कि गधे को चुप नहीं किया जा सकता इस वजह से उसने वहां से निकलने के बारे में सोचा। गीदड़ से बोला, “ऐसी बात है तो फिर मैं तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेता हूं। मुझे तो लगता है कि तुम बहुत अच्छे गायक हो तुम्हारा गाना सुनकर इस बाग का मालिक तुम्हें फूलों की माला पहना देगा। लेकिन मैं भी तुम्हें फूलों की माला पहनाना चाहता हूं। तुम एक काम करो मेरे जाने के बाद तुम अपना गाना शुरू करना तब तक मैं फूलों की माला लेकर आता हूं।” यह कहकर वह गीदड़ वा से चला गया और फिर गधे ने अपना गाना गाना चालू किया।

उसकी आवाज सुनकर बाग का मालिक दौड़ते दौड़ते उसके पास आया। जैसे ही उसने गधे को देखा तो वह समझ चुका था कि उसके बाग का खाना वह गधा चुराकर खाया करता था। ऐसे में उसने उस गधे की खूब पिटाई की और वहां से भगा दिया। संगीतमय गधा The Musical Donkey In Hindi.

Moral of The Musical Donkey In Hindi

What is the Moral of The Musical Donkey In Hindi

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर कोई हमें हमारी भलाई की बातें कह रहा है और कुछ अच्छी बात समझाने की कोशिश कर रहा है तो हमें उसकी बात माननी चाहिए। कभी-कभी ऐसे लोगों की बात ना मानने से हम मुसीबत में पड़ जाते हैं। इस कहानी में भी गीदड़ ने गधे को अच्छे से समझाया लेकिन गधे ने गीदड़ की बात नहीं मानी और वह पकड़ा गया।

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