ब्राह्मण और सांप की कहानी Brahman Aur Sanp Ki Kahani. यह कहानी एक ब्राह्मण की है जिसका नाम मणिराम था। वह बहुत अच्छे से पूजा पाठ किया करता था और भगवान पर भरोसा रखता था। वह छोटी सी छोटी बातों को भगवान का संदेश मानता था। उस ब्राह्मण के पास एक खेत भी था जिसमें फसल उतनी अच्छी नहीं होती थी। लेकिन उसमें जितनी भी फसल होती उससे उसका गुजारा हो जाता था। फसल पकने का समय आ चुका था। वह अपने फसल की निगरानी करने के लिए दोपहर को अपने खेत में मौजूद पेड़ के नीचे सोया करता था।
एक दिन जब वह अपने खेत में लगे हुए पेड़ के नीचे सो रहा था तब उसके सामने एक साँप अपना फन फैलाए खड़ा हुआ था। कुछ देर बाद उस ब्राह्मण की नींद खुली तो उसने देखा कि उसके सामने एक साँप था। पहले तो वह थोड़ा डर गया लेकिन बाद में उसे लगा कि यह एक देवता है।
यह सोचकर वह तुरंत अपने घर की ओर भागा और एक मिट्टी के बर्तन में दूध लेकर आया। फिर उसने वह दूध साँप को दिया और वहां से चला गया। जाने से पहले उसने उस साँप से विनती की कि वे उसे हर एक मुसीबत से बचाएं और उस पर धन की कृपा करें।
अगले दिन जब वह फिर से आया तो उसने देखा कि मिट्टी के रखे हुए बर्तन में एक सोने का सिक्का था। सोने के सिक्के को देखकर उसने सांप को धन्यवाद कहा। अब वह रोज सांप के लिए दूध लेकर आता और हर दिन बदले में उसे सोने का सिक्का मिलता था।
कुछ दिनों बाद उस ब्राह्मण को काम के चलते दूसरे राज्य जाना पड़ा। जब वह बाहर जा रहा था तब उसने सांप को दूध पिलाने का काम अपने बेटे को दिया। बेटे ने भी साँप को बर्तन में दूध दिया और अगले दिन जाकर देखा कि उस बर्तन में एक सोने का सिक्का था। सोने के सिक्के को देखकर उस लड़के के मन में ज्यादा धन प्राप्त करने की लालसा जाग उठी। ऐसे में वह सोचा कि उस साँप के बिल में और भी सोना होगा।
वह उस सोने को एक साथ प्राप्त करना चाहता था। अब वह इस बात पर विचार करने लगा कि वह सांप के बिल में से सारे सोने निकाल लेगा। लेकिन वह साँप से डरता था इसीलिए उसने एक तरकीब बनाई।

हर बार की तरह इस बार भी वह सांप को दूध देने गया। जब साँप दूध पी रहा था तब उसने पीछे से सांप के सर पर डंडे से वार किया। वह सांप मजबूत था जिससे कि उसे कुछ भी नहीं हुआ। गुस्से में आकर साँप ने ब्राह्मण के बेटे को डस लिया। सांप के जहर की वजह से ब्राह्मण के बेटे की मृत्यु हो गई।
ब्राह्मण जब घर वापस लौटा तो उसे अपने बेटे की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। ब्राह्मण और सांप की कहानी Brahman Aur Sanp Ki Kahani
Moral of Brahman Aur Sanp Ki Kahani
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अत्यधिक लालच करना बहुत ही बुरा होता है। अत्यधिक लालच करने से हम खुद को मुसीबतों से घेर लेते हैं। इसीलिए लालच ना करते हुए मेहनत करके ईमानदारी के साथ पैसे कमाने में ही भलाई है।
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