दो सांपों की कहानी Two Snakes Story In Hindi. बहुत समय पहले की बात है एक देश का राजा जिसका नाम देवशक्ति था वह बहुत ही परेशान था। उसकी परेशानी की वजह थी उसका बीमार बेटा क्योंकि राजकुमार के पेट में एक सांप ने घर कर रखा था। वह सांप की वजह से राजकुमार दिन प्रतिदिन कमजोर पड़ता जा रहा था। राजकुमार जो कुछ भी खाता उससे राजकुमार को उल्टी आ जाती। इस वजह से वह ढंग से कुछ खा पी नहीं पा रहा था।

उस साँप को पेट से हटाने के लिए राजा ने भिन्न-भिन्न देशों से प्रसिद्ध वैद्य को भी बुलाया। लेकिन वैद्य भी कुछ नहीं कर पाए। ऐसे में राजा की चिंता बढ़ती ही जा रही थी। उन्हें लग रहा था कि वह अपने बेटे को खो देंगे। अपने पिता को इतना चिंतित होता देख वह राजकुमार परेशान हो गया था। उसने निर्णय लिया कि वह यहां से चला जाएगा ताकि उसके पिता को ज्यादा तकलीफ ना हो।

दो सांपों की कहानी Two Snakes Story In Hindi

राजकुमार उस देश से भाग गया और अपने पड़ोसी देश में जाकर रहने लगा। वह पड़ोसी देश के एक मंदिर में भिखारी की तरह रहने लगा। जिस देश में वह राजकुमार गया था उस देश के राजा का नाम बली था। राजा की दो बेटियां भी थी जो अपने पिता से प्यार किया करती थी। एक दिन जब राजा बाली बगीचे में टहल रहे थे तब उसकी पहली बेटी ने आकर उनसे कहा, “मेरे पिताजी इस देश के राजा सबसे महान है। उनकी वजह से ही सब कुछ है।” यह सुनकर वह राजा बेहद खुश हुआ लेकिन तभी राजा की दूसरी बेटी ने कहा, “आप जैसा करेंगे आपको वैसा ही फल मिलेगा।” यह सुनकर राजा को क्रोध आ गया क्योंकि राजा सच बोलने वाले और कटु वचन बोलने वालों से नफरत करता था।

इस वजह से उसने सजा के तौर पर अपनी दूसरी बेटी का विवाह एक भिखारी से करा दिया। वह भिखारी कोई और नहीं बल्कि मंदिर का भिखारी, राजकुमार था। शादी हो जाने के बाद राजकुमारी ने उस भिखारी को ही अपना पति माना और उसकी सेवा करने लगी। वह उसका अच्छे से ध्यान रखती थी लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसके पति के पेट में एक सांप है।

राजकुमार ने सोचा कि मंदिर में उन दोनों का रहना ठीक नहीं है क्योंकि उसके साथ अब उसकी पत्नी भी थी। इस वजह से उसने मंदिर को छोड़कर किसी और जगह जाने का सोचा। ऐसे में वह अपनी पत्नी के साथ दूसरी जगह की तलाश में निकल गया। चलते-चलते राजकुमार को प्यास लगी और वह बहुत कमजोर महसूस कर रहा था। कमजोरी की वजह से बहुत बेहोश हो गया ऐसे में उसकी पत्नी घबरा गई। उसने अपने पति को पास के एक पेड़ में टीका दिया और पानी लाने के लिए चले गई।

आसपास वहां कोई भी नहीं था तभी राजकुमार के पेट से वह साँप निकला। वह उसके मुंह के सामने आ गया और यहां वहां देखने लगा। तभी पास के एक बिल से दूसरा सांप निकला और वे दोनों आपस में बात करने लगे। इतने में राजकुमार की पत्नी वहां आ गई और यह सब देखकर वह एक पेड़ के पीछे छुप गई। तभी दूसरे सांप ने कहा, “दोस्त तुम कब तक इस मनुष्य के पेट में रहोगे और इसे बीमार करते रहोगे? देखो तुम्हारी वजह से यह कितना बीमार हो गई है अगर कोई इसे जीरा और सरसों का काढा पीलाएगा तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। यह सब सुनकर राजकुमार के अंदर का साँप बोला, “अच्छा अगर ऐसी बात है तो तुम अपने बिल के अंदर रखे हुए खजाने की रक्षा क्यों करते हो? वह तो तुम्हारे किसी काम का नहीं है। अगर कोई मनुष्य आकर तुम्हारे बिल में गरम तेल डालेगा तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। फिर वह सारा खजाना ले सकता है।”

दोनों के बीच बात हो जाने के बाद वे दोनों साँप अपनी-अपनी जगह पर चले गए। इसके बाद राजकुमार की पत्नी राजकुमार को एक सुरक्षित जगह पर ली गई और सबसे पहले उसे जीरा और सरसों का काढ़ा पिलाय। काढा पी लेने के बाद राजकुमार के अंदर का सांप मर गया और वह धीरे-धीरे बेहतर होने लगा। कुछ दिनों बाद राजकुमार की पत्नी ने गरम-गरम तेल उस सांप के बिल में डाल दिया जिस बिल पर खजाना था। बिल के अंदर का सांप गर्म तेल की वजह से मर गया और फिर राजकुमारी ने अंदर रखा हुआ खजाना निकाल लिया।

यह सब हो जाने के बाद राजकुमार अपनी पत्नी को अपने असल देश ले गया। वहां राजा ने अपने बेटे और अपनी बहू का बड़े धूमधाम से स्वागत किया। दो सांपों की कहानी Two Snakes Story In Hindi.

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Moral of Two Snakes Story in Hindi

What is the moral of Two Snakes Story In Hindi?

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे जीवन में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो हम पर आश्रित होते हैं और हमारा ही बुरा करते रहते हैं। इस तरह के लोगों से हमें जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहिए नहीं तो यह समय के साथ साथ हमारा बुरा ही करते रहेंगे।

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