Cinderella Story in Hindi सिंड्रेला की कहानी. बहुत समय पहले एक सहर में सिंड्रेला नाम की एक लड़की रहा करती थी। सिंड्रेला बहुत ही सुन्दर थी और वह दुसरो से प्रेम करती और सबके साथ अच्छा व्यवहार करती। सिंड्रेला जानवरों और पंछियों से भी बहुत प्यार करती और उन्हें खाने के लिए तरह-तरह की चीज़े भी देती। वह एक ऐसी लड़की थी जिसमे सारे अच्छे गुण थे। हमें भी सिंड्रेला की तरह, दुसरो से प्रेम करने वाला बनना चाहिए और अच्छे बच्चे भी हमेशा सबसे प्रेम करते है।

डिज्नी सिंड्रेला की कहानी हिंदी में

Disney Cinderella Story in hindi

सिंड्रेला की माँ नहीं थी। जब वह छोटी थी तब उसकी मां का देहांत हो चूका था। लेकिन, सिंड्रेला के पिता बहुत अच्छे थे। उन्होंने कभी भी सिंड्रेला को उसकी माँ की कमी महसूस होने नहीं दी। उसके पिता सिंड्रेला से बहुत प्यार करते और उसका अच्छे से ध्यान रखते। सिंड्रेला के पिता ने एक और शादी भी की थी। इसी के चलते सिंड्रेला की सौतेली माँ भी थी और उसकी दो सौतेली बहनें भी थी।

Read in English – Story of Cinderella to Read and Watch

सिंड्रेला की सौतेली माँ और सौतेली बहनें

सिंड्रेला का जीवन बहुत अच्छा चल रहा था। लेकिन सुब बदल गया जब उसकी सौतेली माँ और उसकी दो सौतेली बहनें आकर उसके यहाँ रहने लगी। उसकी सौतेली माँ और उसकी दो सौतेली बहनें सिंड्रेला से बहुत जलती थी। एक दिन सिंड्रेला जब पंछियों के साथ बैठी हुई थी तभी उसकी सौतेली माँ आई और बोली, “आज से तुम उस स्टोररूम में रहोगी और घर के सारे काम करोगी।”

सिंड्रेला ने वही किया और वह स्टोर रूम में जाकर रहने लगी। अब वह घर का सारा काम करती। सिंड्रेला जल्दी से सुबह उठकर घर के काम करना शुरू कर देती। उसका सारा दिन घर के काम करने में ही निकल जाता। जब वह काम करती तो उसकी बहन उसे तंग किया करती।

एक दिन शहर में एक घोषणा किया गया की राजमहल में एक जश्न का आयोजन किया गया है जिसमें राजकुमार अपने लिए एक राजकुमारी देखेंगे।

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जश्न की तैयारी

शहर की सारी लड़कियां यह खबर सुनकर बेहद खुश थी और सब ने सोचा कि वह इस कार्यक्रम में जरूर हिस्सा लेंगे। सब ने अपनी-अपनी तैयारी करनी शुरू कर दी लड़कियां जाकर अपने लिए सुंदर-सुंदर कपड़े, जूते, और अन्य सजने सवरने का सामान चुनने लगी और उन्हें पहनकर देखने लगी। ऐसा लग रहा था की कोई त्योहार आने वाला है। वही सिंड्रेला की बहनें ने भी अपनी मां को जाकर यह खबर सुनाई। उसकी मां ने यह खबर सुनकर कहां, “राजकुमारी तो तुम दोनों में से एक ही बनेगी। क्योंकि तुम दोनों सबसे खुबसूरत हो।”

सिंड्रेला की बहनों ने अपने लिए सुंदर-सुंदर गाउन बनवाने के लिए दर्जी को दिया और दर्जी ने उनके गाउन को बहुत अच्छे से सिला। जब उनका गाउन तैयार होकर उनके पास आया तो वे कार्यक्रम के लिए तैयार होने लगी। तैयार होने के लिए उन्होंने सिंड्रेला को बुलाया। सिंड्रेला से उन्होंने कहा, “आओ और हमें आज की पार्टी के लिए तैयार कर दो। वैसे भी तुम काम चोरी करती ही रहती हो। तो चलो जरा थोड़ा सा काम ही कर लो।” ऐसा कहकर दोनों सिंड्रेला को ताने मार रही थी ।

सिंड्रेला ने अपनी दोनों बहनों को तैयार किया और फिर इसके बाद उसने हिम्मत जुटाकर अपनी सौतेली मां से पूछा, “क्या मैं भी इस कार्यक्रम में जा सकती हूँ?”

इसके बाद उसकी मां ने उसका मजाक उड़ाकर कहा, “राजकुमार को एक राजकुमारी चाहिए एक नौकरानी नहीं। चल जा जाकर घर का काम कर।”

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परी का जादू

ऐसा सुनकर सिंड्रेला बहुत उदास हो गई और वह रोने लगी। वह इतना रो रही थी कि शायद ही वह कभी इतना रोई हो। रोते-रोते वह कहने लगी, “काश मेरी माँ ज़िन्दा होती। अगर वह होती हो आज मैं खुशी-खुशी वहाँ जा सकती। तभी अचानक से उसके सामने एक परी आई। परी को देख सिंड्रेला डर गई। परी ने उससे कहा, “सिंड्रेला तुम इतनी निराश मत हो। मैं तुम्हारी मदद करूंगी जिससे तुम आज के कार्यक्रम में जा सकोगी।” उस परी को देखकर सिंड्रेला पहले तो थोड़ा घबरा गई थी लेकिन बाद में वह उनकी बातों को सुनकर खुश हो गई।

सिंड्रेला ने कहा, “आपका शुक्रिया लेकिन कार्यक्रम में जाने के लिए मेरे पास ना तो एक सुन्दर ड्रेस है और ना ही कोई जुता। इस समय मैं कहाँ से ये सब लेकर आऊंगी?”

“तुम चिंता मत करो,” उस परी ने उससे कहा, “जाओ जाकर एक कद्दू ले आओ और अपने 7 चूहे दोस्तों को भी अपने साथ लेकर आओ।” सिंड्रेला ने वही किया जैसा कि उस परी ने उससे कहा। वह तुरंत ही ऊपर गई और रसोई से एक कद्दू लेकर आई और अपने 7 चूहे दोस्तों को भी अपने साथ लेकर आए।

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सिंड्रेला की तैयारी

सिंड्रेला के आ जाने के बाद परी ने उस कद्दू को बग्गी में बदल दिया और उन चूहों में से 6 चूहों को उन्होंने घोड़ों में बदल दिया। परी ने एक को सारथी के रूप में बदल दिया। ऐसा करने के बाद परी ने सिंड्रेला पर अपना जादू चलाया। परी के जादु से सिंड्रेला एक सुंदर पोशाक पहनकर उनके सामने खड़ी हो गई। उसके पैर में बहुत ही सुंदर कांच के बने हुए जूते थे। उसके पोशाक और जूते दिखने में बहुत ही कीमती लग रहे थे। सिंड्रेला एक राजकुमारी की तरह और एक खानदानी लड़की लग रही थी। यह सब होता देख सिंड्रेला बहुत ही खुश हो रही थी। वह पूरी तरह से कार्यक्रम मे हिस्सा लेने के लिए तैयार थी। सिंड्रेला ने कहा, “आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं एक राजकुमारी की तरह लग रही हूँ। ऐसा लग रहा है कि आज मुझे मेरी माँ ने सजाया है।”

उस परी ने सिंड्रेला से कहा, “तुम बहुत ही सुंदर लग रही हो। लेकिन, इस बात का ध्यान रखना कि रात के 12:00 बजते ही तुम तुरंत घर पहुंच जाना। क्योंकि 12:00 बजे के बाद मेरे जादू का असर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।”

“जी हां। आपके कहे अनुसार मैं 12:00 बजे से पहले ही अपने घर वापस लौट आऊंगी।” सिंड्रेला ने कहा।

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सिंड्रेला जश्न में

इसके बाद सिंड्रेला तुरंत ही उस बग्गी पर बैठ गई और तुरंत राजमहल की ओर चल पड़ी। सिंड्रेला भागते-भागते महल के अंदर घुसी। जैसे ही वह अन्दर पहुची तो सब की नज़र उसपर पड़ी। सिंड्रेला दिखने में एक राजकुमारी की तरह लग रही थी। वही उस कार्यक्रम में सिंड्रेला की सौतेली मां और उसकी बहने भी थी। जैसे ही उन्होंने सिंड्रेला को देखा तो उसे देखकर हक्के-बक्के रह गए। तीनों सोच रहे थे कि आखिर सिंड्रेला यहाँ कैसे आ गई और उसके पास इतना सुन्दर ड्रेस कहाँ से आया?

फिर कुछ देर बाद राजकुमार उस कार्यक्रम में आए। राजकुमार महल की सीढ़ी से नीचे उतर ही रहे थे कि उनकी नज़र सिंड्रेला पर पड़ी। सिंड्रेला को देखते ही राजकुमार तुरंत उसकी ओर जाने लगे। सिंड्रेला के पास पहुंचकर राजकुमार ने कहा, “क्या तुम मेरे साथ डांस करना चाहोगी?” यह सुनकर वह बहुत ही खुश हो गई और उसने तुरंत कहा, “जी हां! मैं करूंगी।”

दोनो राजकुमार और सिंड्रेला सबके सामने डांस करने लगे और उस कार्यक्रम में मौजूद सबकी नज़र उन दोनों पर थी। वे दोनों एक साथ बहुत अच्छे लग रहे थे। नचाते-नचाते दोनों एक दुसरे से बात कर रहे थे।

धीरे-धीरे समय निकलने लगा था। सिमरेला को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि आधी रात हो चुकी है रात के 12:00 बजने वाले थे। ऐसे में सिंड्रेला की नजर घड़ी पर पड़ी और उसने देखा कि 12:00 बजने वाला है। उसे परी की कही हुई बात याद आ गई। 12:00 बजे परी के जादू का असर खत्म हो जाएगा। सिंड्रेला ने राजकुमार से कहा, “अब मुझे जाना होगा।” ऐसा कहकर वह महल से भागने लगी और भागते-भागते उसके पैर का एक जूता महल की सीढ़ी पर ही रह गया।

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सिंड्रेला की खोज

सिंड्रेला को इतनी जल्दी बाहर जाता देख राजकुमार ने उसका पीछा किया। राजकुमार उसके पीछे भागा लेकिन वह उसे नहीं देख सका और सिंड्रेला वहाँ से चली गई। लेकिन जब राजकुमार ने नीचे देखा तो सीढ़ी पर एक जूता पड़ा था। जो सिंड्रेला का था।

राजकुमार ने उस जूते को उठाया और अपने लोगों से कहा, “इसकी मदद से उस लड़की का पता लगाया जाए जो यहां मेरे साथ नाच रही थी। अगर जरूरत पड़े तो शहर की हर एक घर पर जाओ और उस लड़की का पता लगाओ।”

राजकुमार के लोगों ने उस लड़की की तलाश शुरू कर दी। वे शहर के हर एक घरों में जा जाकर उस जूते के सहारे पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर वह लड़की कौन थी? वे सबके घर जाते और घर में मौजूद लड़कियों के पैरों में उस जूते को पहनाकर देखतें की उनके पैर में वह जुता फिट होता है या नही।

उन्होंने लगभग-लगभग शहर का पूरा घर छान मार लिया। अब बारी थी सिंड्रेला के घर की। राजकुमार के लोग सिंड्रेला के घर पहुंचे। सिंड्रेला ने खिड़की से देखा कि राजकुमार के लोग उसके घर के सामने खड़े हैं और यह देखकर वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी।

खुशी के मारे वह तुरंत अपने कमरे से निकलने लगी। तभी अचानक दरवाजे पर उसकी सौतेली माँ आकर खड़ी हो गई। उसकी सौतेली मां ने उससे कहा, “तुम्हें यहां नीचे आने की कोई जरूरत नहीं है। तुम अंदर ही रहो यही तुम्हारे लिए सबसे सही जगह है।” ऐसा कहकर वह बाहर से सिंड्रेला के कमरे के दरवाजे को बंद कर दी और बाहर से दरवाज़े पर ताला लगा दिया

राजकुमार के लोग सिंड्रेला के घर के अंदर घुसे। सबसे पहले उन्होंने सिंड्रेला की उस बहन के पैर पर उस जूते को पहनाया जो बहुत पतली थी। जब उसने वह जूता पहना तो वह जूता उसके लिए कुछ ज्यादा ही बड़ा था। इसके बाद उन्होंने दूसरी बहन के पैर में जूते को पहनाने की कोशिश की वह मोटी थी और उसका पैर उस जूते में नहीं घुस रहा था।

ऐसे में राजकुमार के लोग सिंड्रेला के घर से जाने लगे। जैसे ही वह बाहर जा रहे थे तभी सिंड्रेला खिड़की में आकर उनको इशारे से कहने की कोशिश करने लगी। लेकिन वह उसकी बात नहीं सुन पाए। ऐसे में उदास होकर सिंड्रेला रोने लगी। तभी उसका एक दोस्त जो कि एक चूहा था वह तुरंत ही दौड़ते-दौड़ते कमरे से बाहर गया और सिंड्रेला की सौतेली मां के कपड़े में से कमरे का चाबी निकाल कर ले आया। उस चूहे ने सिंड्रेला के कमरे के दरवाजे को खोल दिया।

दरवाजे को खुला देख सिंड्रेला बहुत ही ज्यादा खुश हो गई और दौड़ते-दौड़ते राजकुमार के लोगों के पास जा पहुची और उनसे कहने लगी, “आपने मुझे यह जूते अभी तक नहीं पहनाया है।”

ऐसा कहने के बाद राजकुमार के लोग तुरंत उसके पास आए और उन्होंने उसे वह जूते पहनाया। वह जूता सिंड्रेला के पैरों में एकदम फिट हो गया और इससे उन्हें पता चल गया कि वह लड़की सिंड्रेला ही थी जो राजकुमार के साथ उस रात जश्न में नाच रही थी। उन लोगों ने सिमरेला को अपने साथ राजमहल लेकर गए।

सिंड्रेला की आंखों को देखकर राजकुमार तुरंत पहचान गया कि वह लड़की यही है जो उस दिन जश्न में उनके साथ नाच रही थी। उन्होंने तुरंत ही सिंड्रेला से पूछा कि क्या तुम मुझसे शादी करोगी? जवाब में सिमरेला ने हाँ कहा।

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सिंड्रेला की कहानी सारांश हिंदी में

Cinderella Story Summary in Hindi

सिंड्रेला अपने पिता की इकलौती लड़की थी जो अपने घर में अपनी सौतेली मां और सौतेली बहनों के साथ रहा करती थी। उसकी सौतेली माँ और सौतेली बहने सिंड्रेला को बेहद परेशान करती और उसे घर का सारा काम करवाती थी। एक दिन शहर में राजघराने का संदेश दिया गया कि राजकुमार अपने शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे हैं। जिसकी वजह से उन्होंने शहर की सारी कवारी लड़कियों को पार्टी में आमंत्रित किया। ऐसे में शहर की सारी लड़कियां इस पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगी। वही सिंड्रेला की सौतेली बहने भी उस पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगी। लेकिन सिंड्रेला की सौतेली मां ने सिंड्रेला को पार्टी में जाने की इजाजत नहीं थी। सारे लोग पार्टी में गए लेकिन सिंड्रेला अपने घर में रहकर रोने लगी। तभी उसके सामने एक परी आई। उसने सिंड्रेला की ड्रेस को बदल दिया और उसे सुंदर कांच का बना हुआ सैंडल दिया। परी ने एक कद्दू को रथ में बदल दिया। सिंड्रेला के 5 चूहे भी थे उनमें से एक को परी ने सारथी के रूप में बदल दिया। सिमरेला के जाने से पहले परी ने उसे बताया कि परी का जादू रात के 12:00 बजे खत्म हो जाएगा उससे पहले ही सिंड्रेला को पार्टी से वापस आना होगा। सिंड्रेला पार्टी में गई और राजकुमार की नजर सिंड्रेला पर पड़ी क्योंकि वह सबसे सुंदर लग रही थी। 12:00 बजा और सिंड्रेला वहां से भाग कर वापस आने लगी सीढ़ियों पर सिंड्रेला की सैंडल छूट गई और उसी सैंडल की मदद से राजकुमार ने पूरे शहर में सिंड्रेला के बारे में पता लगाने को कहा। राजकुमार के लोगों ने सैंडल की मदद से सिंड्रेला को खोज निकाला। तो यह थी सिंड्रेला की कहानी की समरी हिंदी में।

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Cinderella Story in Hindi Free PDF Download सिंड्रेला की कहानी PDF

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तो यह थी सिंड्रेला की मजेदार कहानी “Cinderella Story in Hindi”। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। कमेंट के माध्यम से हमें बताएं कि यह कहानी आपको कैसी लगी। आप चाहे तो हमारी वेबसाइट पर मौजूद और भी अन्य कहानी को पढ़ सकते हैं।

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