Joseph Bible Story in Hindi-हमने देखा की किस तरह से अब्राहम कनान में आकर बसा। जहाँ उसकी संताने भी हुई जिनमे से एक का नाम था इसाक। फिर कनान में रहते-रहते इसाक की दो संताने हुई ऐसौ और जेकब। जेकब अपने भाई को धोका दे कर कनान से भाग जाता है। कनान छोड़कर वह अराम पहुंच जाता है। जहाँ वह अपने मामा लबान के यहाँ काम करता है। जेकब लबान के यहाँ लम्बे समय तक काम करता और उसकी बेटी लिआ और रेचल से शादी करता है।
इसके बाद जेकब की 12 संताने होती है जिनमे से एक जोसफ था और यह कहानी उसी जोसफ के बारे में है। अगर आपने अब्राहम की कहानी और ऐसौ और जेकब की कहानी नहीं पढ़ी तो उसे ज़रूर पढ़े इससे यह कहानी आपको और अच्छे से समझ आएगी।
जब जेकब अराम से कनान की ओरे वापस आ रहा था तब ईश्वर ने उसे नाम दिया ‘इजराइल’। इस नाम का अर्थ ‘ऐसा व्यक्ति जो ईश्वर और मनुष्य दोनों से जीता है’ है।
इजराइल (जेकब) अपने सभी संतानों में जोसफ से सबसे ज़्यादा प्यार करता। उसकी 12 संताने थी जिनमे 11 लड़के और एक लड़की थी। जोसफ इजराइल (जेकब) और रेचल का बेटा था। जोसफ के भाई उससे इस बात से जलते थे की पिताजी उससे ज़्यादा प्यार करते थे और यही जलन की भावना जोसफ के लिए मुसीबते पैदा करने वाली थी।
एक दिन जोसफ के जन्मदिन पर इजराइल (जेकब) ने अपने प्रिय बेटे जोसफ को एक रंग बिरंगा कोट दिया। वह कोट दिखने में बहुत ही शानदार और सुन्दर था। जोसफ अपने पिता के दिए हुए कोट को ख़ुशी से पहनता लेकिन इसकी वजह से उसके भाइयो के भीतर जलन और भी बढ़ चुकी थी।
जोसफ का सपना
एक दिन परिवार के सारे सदस्य मिलकर एक साथ रात का खाना खाने के लिए बैठे थे तभी जोसफ ने सबको अपने कहानी के बारे में बतया। जोसफ ने सबसे कहा, “भाइयो मैंने एक सपना देखा है। मैंने उस सपने में देखा की हम सब मिलकर गेहूँ की बालियाँ खेत में लगा रहे है। खेत में गेहूँ की बालियाँ लगाने के बाद मैंने देखा की तुम सबकी बालियाँ मेरे गेहूँ के गुच्छे को सलाम कर रहे थे। “
भाइयों ने जोसफ की बात सुनी और कहा, “तुम पागल हो गए हो। आखिर तुम कहना क्या चाहते हो ? क्या तुम सबको यह बताना कहते हो की हम तुम्हारी गुलामी करेंगे ? ऐसा कभी नहीं होगा। “
“अरे भाइयों तुम गुस्सा क्यों कर रहे हो। अच्छा इसे छोड़ो मैं तुम्हें दूसरी कहानी बताता हूँ। ” जोसफ ने अपने भाइयों से कहा।
जोसफ ने कहा, “मैंने अपने सपने में देखा की सूरज, चाँद और 11 सितारें मुझे सलाम कर रहे है। “
यह सुनकर उसके भाई और भी गुस्सा हो गए और सबने कहा, “ओह अच्छा तो अब तुम कहना कहते हो की हमारे पिता, हमारी माँ और हम सब तुम्हें सलाम करेंगे और तुम्हारी गुलामी करेंगे।”
“पिताजी आप इसे कुछ कहते क्यों नहीं ? जबसे कुछ भी बकवास कर रहा है। ” भाइयों ने पिताजी से कहा।
यह सुनकर पिताजी ने कहा, “यह कोई फालतू सपना नहीं है यह ईश्वर द्वारा दिखाया हुआ सपना है। “
इसके बाद सारे भाई उठकर वहाँ से चले गए। लेकिन सब यह नहीं जानते थे की आखिर भविष्य में क्या होने वाला है। क्या जोसफ के सपने का कोई अर्थ था ? उसके सपने से ईश्वर उसे क्या दिखाना कहते थे ? यह जानने के लिए कहानी को अंत तक पढ़े।
भाइयों का षड़यंत्र
पहले की तरह सारे भाई अपने काम में लगे हुए थे। वे सब पशु के झुण्ड को कहना खिला रहे थे। की तभी वहाँ भाइयों ने देखा की जोसफ उनकी ओर आ रहा था। सब भाइयों ने देखा की आस-पास कोई नहीं था। अब सबने जोसफ को मारने का सोचा। जोसफ के नज़दीक आते ही सबने उसे पकड़ लिया।
“अरे भाइयों ये तुम क्या कर रहे हो ? छोड़ो, मुझे तकलीफ हो रही है। ” जोसफ ने अपने भाइयों से कहा।
भाइयों ने कहा, “आज हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। तुम हमपर राज करना कहते हो ऐसा कभी नहीं होगा। “
यह कहने के बाद भाइयों ने जोसफ के कोट को उतार दिया और पास के कुए में फ़ेंक दिया। इसके बाद उन्होंने देखा की कुछ व्यापारी उनकी तरफ आ रहे थे। ऐसे में उन्होंने सोचा की वें अपने भाई जोसफ को व्यापारियों को बेच देंगे। उन्होंने जोसफ को कुए से बाहर निकला और उसे 20 चांदी के सिक्कों के बदले उसे व्यापारियों को बेच दिया। वें व्यापारी मिस्त्र जा रहे थे।
अब भाइयों ने सोचा की वें घर जाकर अपने पिता से क्या कहेंगे? इसके लिए उन्होंने जोसफ के कोट में भेड़ का खून लगाया और जाकर अपने पिता को दिखाया। उन सबने अपने पिता से कहा की जोसफ को जंगली जानवरों ने मार दिया। यह खबर सुनकर इजराइल बहुत दुखी हुआ।
मिस्त्र में जोसफ
इसके बाद उन व्यापारियों ने जोसफ को मिस्त्र की ऐसी जगह पर ले गए जगह लोगों को बेंचा जाता था। लोगों ने जोसफ के लिए बोली लगाई ओर उसे मिस्त्र के पोटिफर ने खरीद लिया। पोटिफर मिस्त्र की सेना का मुखिया था। अब जोसफ पोटिफर का गुलाम था। जोसफ को पोटिफर ने खेतों में काम दिया। जोसफ बहुत ही मेहनती था और वह सारे काम अच्छे से करता। जोसफ की वजह से पोटिफर के संपत्ति में खूब इजाफा हुआ।
पोटिफर ने जोसफ की ईमानदारी और सच्ची लगन को देखकर उसे अपनी संपत्ति का प्रबंधक बना दिया। अब जोसफ की ज़िन्दगी और अच्छी हो चुकी थी।
जेल में जोसफ
जोसफ दिखने में सुन्दर था और सबसे अच्छी-अच्छी बातें भी किया करता। इसी वजह से पोटिफर की पत्नी जोसफ की ओर आकर्षित होने लगी। वह जोसफ को अपनी ओर आकर्षित करने के बारे में सोचने लगी। एक दिन पोटिफर काम से दूसरे शहर गया हुआ था। तभी उसकी पत्नी ने मौका देखा कर जोसफ को बुलाया और कहा, “सुनो जोसफ अंदर आ जाओ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।”
जोसफ अंदर नहीं जाना चाहता था लेकिन पोटिफर की पत्नी के बार-बार विनती करने पर जोसफ को कमरे के अंदर जाना पड़ा। जैसे ही वह अंदर गया तभी पोटिफर की पत्नी ने अपना मंसूबा उसे बताया। लेकिन जोसफ ईश्वर पर विश्वास करता था और ऐसा करना उसके लिए पाप था। इससे ईश्वर का अपमान होता। इसीलिए वह उसे मना कर दिया और कमरे से भाग गया।
इसके बाद पोटिफर की पत्नी बहुत गुस्सा हुई और उसने जोसफ को फ़साने का सोचा। जैसे ही पोटिफर वापस लौट आया तब उसकी पत्नी ने उससे कहा, “जोसफ मेरे कमरे में आया था और वह मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा।”
ऐसा सुनने के बाद पोटिफर बहुत गुस्सा हुआ और उसने जोसफ को जेल में डालने का आदेश दिया। जोसफ को कई सालों तक जेल के अंदर रहना पड़ा।
फ़राओ का सपना
जोसफ को जेल में बिताते हुए 2 साल हो चुके थे। वही दूसरी तरह मिस्त्र के फ़राओ को इस बात की चिंता सता रही थी की उसके दो सपनो का क्या अर्थ है। मिस्त्र के फ़राओ को दो सपने आते थे जिसका अर्थ जानने के लिए वह बहुत ही व्याकुल था। वह अपने सारे सलाहकारों से इसका अर्थ पूछा लेकिन किसी को भी उसका अर्थ मालूम नहीं था।
फ़राओ को खबर मिली की जोसफ नाम का कैदी सपनो के अर्थ सही बताता था। यह जानते ही फ़राओ ने जोसफ को बुलवाया और उसे अपना सपना बताया।
फ़राओ ने अपना पहला सपना जोसफ को सुनाया, “मैंने सपने में देखा की 7 हटती-कटती गाय नदी से निकाली जो और घास चरने लगी। उसके कुछ देर बाद 7 पतली-दुबली गाय मड़ई से निकाली और उन 7 हट्टे-काटते गायों को खा गई। “
“आपने दूसरे सपने में क्या देखा?” जोसफ ने फ़राओ से पूछा।
फ़राओ ने दूसरी कहानी सुनाई, “मैंने दूसरे सपने में देखा की अनाज के सात मुरझाए हुए बालियाँ जो के सात मोटे बालियों को खा गए। “
जोसफ फ़राओ के कहानियों को ध्यान से सुना और फिर उसका अर्थ बताया, “मालिक, आपके इन दो कहानियों का अर्थ है की मिस्त्र के 7 साल बहुत ही अच्छे होंगे जिसमे बहुत ही हरियाली होगी। लेकिन ठीक इसके बाद के 7 साल बहुत ही सूखा होगा जिसमे जानवर पशु मारें जाएंगे। “
यह सुनने के बाद फ़राओ ने सबको आदेश दिया की इन 7 सालों में अनाज की अधिक उपज को इखट्टा किया जाए ताकि सूखा आने पर इसका इस्तेमाल किया जाए।
जैसा जोसफ ने कहा था वैसा ही हुआ शुरुआत के सात सालों में मिस्त्र में अब तक का सबसे अच्छा फसल हुआ जिसमे लोगो ने ढेर सारा अनाज आगे के लिए बचाया। इस बिच जोसफ एक वज़ीर बन चूका था। वज़ीर वह होता है जो राजा के बाद देश का सबसे ताकतवर वयकति होता है। उसके पास बहुत से अधिकार होते है।
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