Teli or Kasai. एक दिन बीरबल अपने घर बैठकर आराम कर रहे थे। जब वे आराम कर रहे थे तभी उनके दरवाजे पर कोई दस्तक दिया और उनका दरवाजा खटखटाया। दरवाज़े की आवाज़ सुनकर बीरबल ने अपने नौकर से कहा, “रामू जाओ जरा देखकर आओ। अभी इस वक्त कौन आया हुआ है?”

Read This in English – The Oil Seller and A Butcher-Akbar Birbal Story in English

बीरबल के कहने पर रामू दरवाजे पर गया और उसने दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही रामू ने देखा कि 2 लोग सामने खड़े थे। उनमें से एक ने कहा, “क्या राजा बीरबल अंदर है?”

“जी हां अंदर है और वे अभी आराम कर रहे हैं। तुम जाओ और बाद में आना।”

“नहीं! नहीं! हम अभी यहां से नहीं जाएंगे। जब तक मेरे साथ इंसाफ नहीं होता तब तक मैं यहां से नहीं जाऊंगा। मुझे राजा बीरबल से मिलना है।” एक व्यक्ति ने कहा।

उस व्यक्ति की यह बात सुनकर रामू ने उसे फिर कहा, “अगर तुम्हें इंसाफ चाहिए तो तुम्हें राजा के दरबार में जाना चाहिए। वहाँ तुम्हें इंसाफ जरूर मिल जाएगा।”

यह बात सुनकर उस व्यक्ति ने फिर से कहा, “नहीं में इस आदमी को और नहीं सह सकता। इसने मेरे साथ बेमानी की है। मैं अभी के अभी इंसाफ चाहता हूं और मैं चाहता हूं कि मेरे पैसे वापस किए जाएं।”

फिर तभी पीछे से बीरबल ने रामू को आवाज लगाया, “रामू कौन आया है?”

“मालिक दो लोग खड़े हुए हैं और वे कह रहे हैं कि उन्हें इंसाफ चाहिए।”

Teli or Kasai

यह बात सुनकर बीरबल ने उन दोनों को अंदर आने को कहा। कुछ देर बाद बादशाह अकबर भी वहाँ बीरबल से मिलने आए। उन्होनें भी दोनों की बात सुनी।

वे दोनों अंदर आए और बीरबल से कहने लगे, “हुजूर मेरा नाम गंगू है और लोग मुझे गंगू तेली के नाम से जानते हैं। जगह-जगह घूमकर तेल बेचता हूं। आज मैं जब तेल बेच कर इस कसाई के घर के सामने से गुजर रहा था तब इस कसाई ने मुझे बुलाया और कुछ तेल देने को कहा। जब मैं उसे तेल दे रहा था तब उसकी नजर मेरे पैसे के थैलों पर गई। उसमें ढेर सारे पैसे थे। उसने मुझ से पैसो का थैला छीन लिया और अब मुझे वह वापस चाहिए। मैं चाहता हूं कि आप इंसाफ करे और मुझे मेरे पैसे वापस दिलवाए।”

वहीं दूसरे आदमी ने कहा, “जहांपना मेरा नाम सलीम है और मैं एक कसाई हूं। यह जो व्यक्ति है वह बिल्कुल झूठ कह रहा है। सच मैं आपको बताता हूं। दरअसल हुआ यूं कि मैं अपने कसाई घर में था कि तभी यह गंगू तेली मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि सुबह से इसकी बिक्री नहीं हुई है। इसने मुझसे बार-बार तेल खरीदने को कहा ताकि इसकी आमदनी हो जाए। वह मुझसे बार-बार विनती करने लगा तो मैं उसका थोड़ा सा तेल खरीद लिया। जब मैं इसे पैसा देने लगा तो इसकी नजर मेरे पैसों के थैली पर गई। वो मुझसे वह पैसे छीन लिया। मैं चाहता हूं कि आप मेरे साथ इंसाफ करें और मुझे मेरे पैसे वापस दिलवाए।”

दोनों की बात सुनकर बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा, “बीरबल यह तो बहुत ही अजीबोगरीब मामला है। तुम इसका समाधान कैसे निकालोगे और कैसे पता लगाओगे कि यहां कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ? यहां न तो कोई सबूत नहीं है और ना ही कोई गवाह है जो तुम्हें कह सके कि इन दोनों में से कौन सच कह रहा है।”

तभी बीरबल ने बादशाह अकबर से कहा, “जी नहीं हुजूर यहां एक गवाह है।”

“अच्छा वह गवाह कौन है जिसने यह देखा कि इन दोनों में से कौन झूठ कह रहा है?” बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा।

“जहांपना यह पैसों का थैला ही सबसे बड़ा गवाह है। वह अब हम सबको गवाही देगा।” बीरबल ने बादशाह अकबर को बताया।

बीरबल की यह बस सुनने के बाद बादशाह अकबर की जिज्ञासा बढ़ने। वे ध्यान से बीरबल को देखने लगे कि वह आगे क्या करने वाला है। बीरबल ने अपने नौकर को बुलाया और उससे कहा, “रामू जाओ और एक बर्तन में पानी भरकर ले आओ।”

रामू रसोईघर में गया और एक बर्तन में पानी भरकर ले आया। अब बीरबल ने पैसो की थैली को उन दोनों से मांगा। इसके बाद बीरबल ने उस थैले से कुछ सिक्के निकाले और उन सिक्कों को पानी में डाल दिया। कुछ देर बाद बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह मैं कह रहा था ना कि यह पैसों की थैली ही गवाही देगा और देखिए इस ने बहुत अच्छे से गवाही दी है। यह गंगू तेली ही सच कह रहा है।”

“अच्छा तुमने यह कैसे पता लगाया कि या गंगू सच कह रहा है?” बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा।

“आप एक बार इस पानी के बर्तन में देखिए। पानी के ऊपर तेल आ गया है और यह तेल सिक्कों में लगा हुआ था। इसका मतलब यह है कि वह सिक्के तेली के थे जो दिनभर तेल बेचता था और सिक्कों को इकट्ठा करते वक्त उसके सिक्कों में तेल लग जाता था। यही तेल पानी के ऊपर आ गया है। अगर आप बचे हुए सिखों को भी अगर ध्यान से देखें तो इसमें तेल लगा हुआ है। इसका मतलब यह साबित होता है कि है कि यह थैली गंगू की है।”

बीरबल की यह बात सुनकर बादशाह अकबर खुश हुए और उन्होंने बीरबल से कहा, “वाह बीरबल! वाह! तुमने आज फिर से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर इस छोटी सी परेशानी को चुटकियों में हल कर दिया। जिसके बाद बादशाह अकबर ने उस कसाई को 1 महीने तक कारागार में रहने की सजा दी और उस गंगू तेली को उसका पैसा वापस दिलवाया। Teli or Kasai.

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