Jabez Story and Prayer in Hindi – ईश्वर ने इस धरती को बनाया और ईश्वर सबसे प्रेम करते है। इसीलिए हमें भी उनसे प्रेम करनी चाहिए और हमें उनसे प्रार्थना करनी चाहिए। बाइबिल में ऐसी बहुत सी कहानियाँ है जिसमें हमें बताया गया है की ईश्वर से प्रार्थना करना कितना महत्वपूर्ण है।

प्राथना करना बहुत ही प्रभावशाली है। यहाँ हम एक ऐसे कहानी के बारें में बात करेंगे जिसमें बताया गया है की प्रार्थना करके कैसे हम अपने ज़िन्दगी के बदलाव ला सकते है। यह कहानी जज़ब की है। बाइबिल में जज़ब की कहानी ज़्यादा संछिप्त में नहीं बताई गई है। इसीलिए हम यहाँ इस कहानी को थोड़ा बड़ा करके बताएंगे ताकि आप इसे अच्छे से समझ सके।

अंत में हमने प्रार्थना करने का क्या महत्व है यह भी बताया है तो उसे पढ़ना न भूले।

Jabez Story and Prayer in Hindi

जाबेज़ की कहानी

यह कहानी है इजराइल की। जाबेज़ के जन्म का समय था। उसके जन्म के समय उनके माता को खूब पीड़ा हुई। वह पीड़ा शायद उन्हें कभी नहीं हुई होगी। इस वजह से उसकी माँ ने उसका नाम जाबेज़ रखा। जाबेज़ के नाम का अर्थ है पीड़ा और दर्द। माँ को शायद ऐसा भी लगा होगा की जन्म के समय उसने इतनी पीड़ा दी है तो वह आगे भी शायद और पीड़ा देगा। इस वजह से उसका नाम जाबेज़ रखा गया।

समय निकलता गया और जेब बड़ा होने लगा। जज़ब के और भी भाई थे लेकिन उन सबमें जाबेज़ सबसे ईमानदार था। जेब की खास बात यह थी की वह ईश्वर पर आस्था रखता और उनसे प्रार्थना करता। जाबेज़ अपनी प्रार्थना में इजराइल के परमेश्वर से कहता, “भला होता की तू मुझे सचमुच आशीष देता, और मेरा देश बढ़ता, और तेरा हाथ मेरे साथ रहता, और तुम मुझे बुराई से ऐसे बचा रखता की मैं उससे पीड़ित न होता। “

जेब की इस प्रार्थना को परम पिता परमेश्वर ने सुना और उन्होंने जाबेज़ को आशीष दी, उसका साथ दिया और उसे बुराई से बचा कर रखा। उसने दौलत और यश कमाया क्योकि वह ईश्वर का नीक बंदा था जिसमें परम पिता परमेश्वर के प्रति आस्था थी और उनके प्रति प्रेम था।

जाबेज़ की माता ने उसे जो नाम दिया वह बिलकुल उसके विपरीत था। माता को लगा की वह आगे चलकर सबको पीड़ा देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

यह थी जाबेज़ की कहानी जिसमें हमने जाना की कैसे ईश्वर से प्यार करने और उनसे प्रार्थना करने से हम हमेशा खुश रह सकते है।

प्रार्थना करने का क्या महत्व है ?

हम रोज़ के कामकाज में इतने व्यस्थ हो जाते है की बहुत सी जरुरी चीज़े हम भूल जाते है और सबसे ज़रूरी परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करना भूल जाते है। जब हम प्रार्थना करना भूल जाते है तो हम धीरे-धीरे हम उस परमात्मा से दूर होने लगते है। इसीलिए प्रार्थना को एक माध्यम की तरह भी समझा जा सकता है।

जितना हम ईश्वर से सच्चे मन से और सच्ची श्रद्धा से प्रार्थना करेंगे तो हम ईश्वर से उतना ही जुड़ने लगेंगे। और जब हम खुदको ईश्वर से जुड़ा हुआ पाएंगे तब हमें सबकुछ अच्छी लगने लगेगा। अगर आपके साथ कुछ बुरा भी हो तो आप उसे ईश्वर की मर्ज़ी समझ कर उस परेशानी को जल्दी से अपनाकर आगे बढ़ सकेंगे।

हमें यह बात हमेशा याद रखना चाहिए की ईश्वर जो भी करते है उसके पीछे कुछ कारन होता है और ऐसा करने के पीछे हमारा भला ही होता है। तो बिना किसी संदेह के ईश्वर से प्रार्थना करें।

यह बात पूरी सच है की जितनी जल्दी हम अपनी गलतियों को अपनाएंगे उतनी जल्दी ही हम आगे बढ़ पाएंगे। अपनी परेशानियों को जो जितनी जल्दी अपनाता है वह उतनी जल्दी आगे बढ़ पता है। इसीलिए हर एक व्यक्ति को ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए।

हिम्मत देते है ईश्वर

ज़िन्दगी में ऐसे बहुत से पल आते है जिसमें हमें निराशा और हार का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से हम मानसिक तनाव का सामना करते है। लेकिन ऐसे में ईश्वर से प्रार्थना करने से ईश्वर हमें सही रास्ता दिखते है और हमारा हौसला बढ़ाते है। जब कभी भी आप दुखी हो और कही से भी उम्मीद की किरण नज़र नहीं आ रही हो तो ईश्वर से प्रार्थना करो। परम पिता परमेश्वर आपको रास्ता जरूर दिखेंगे।

मुसीबतो में साथ देते है ईश्वर

मुसीबतें ज़िन्दगी में कभी न कभी आ ही सकती है और हमें उसका डट कर सामना करना ज़रूरी है। कभी ऐसा भी होता है मुसीबतों का सामना करते-करते हम हार मान जाते है लेकिन अगर हम ईश्वर से प्रार्थना करते है तो वे हमें हिम्मत देते है। मुसीबतों में आपका साथ कोई दे या ना दे ईश्वर हमेशा आपका साथ देंगे। जिस तरह से उन्होंने नोहा का साथ दिया था। नोहा ने सच्चे मन से ईश्वर से प्रार्थना की और ईश्वर से हर एक मुसीबत में उसका साथ दिया।

पढ़े नोहा और उसके जहाज़ की कहानी।

गलत मार्ग और गलत रास्ते में जाने से बचाते है ईश्वर

गलत रस्ते पर चलते वाले और गलत काम करने वालो का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है। लेकिन ना जाने हम कभी भी गलतिया कर सकते है। गलतियाँ करने के बाद हमें पछतावा होता है और उस गलती का अंजाम भी भुगतना पड़ता है। इसीलिए जब कभी भी आप कोई भी काम करें तो एक बार ईश्वर से प्रार्थना जरूर करें। प्रार्थना करने से आपको ईश्वर सद्बुद्धि देंगे और आपको सही और गलत का चुनाव करने में मदद करेंगे।

तो यह थी जाबेज़ की कहानी और इसमें हमने जाना की प्रार्थना करने का क्या महत्व है? प्रार्थना करने से हम कैसे ईश्वर से जुड़ जाते है।

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें और अगर आपका कोई फीडबैक है तो उसे कमेंट के माध्यम से हमें ज़रूर बताएं।

बाईबल हिन्दी कहानियाँ

Noah’s Ark Bible Story In Hindi

Adam And Eve Story For Kids In Hindi

David And Goliath Story In Hindi

Abraham Bible Story In Hindi

Cain And Abel Story In Hindi

Zacchaeus Story In Hindi

मोसेस – Moses Bible Story In Hindi

Bible Stories for kids in english

David and Goliath Story for kids

The Story of Jabez in The Bible Story About Prayer

Adam and Eve Bible Story For Kids

Noah’s Ark Story For Kids Bible Story

Cain and Abel Story for Kids With Moral

Abraham Story For Kids From The Bible

Jonah and Whale Bible Story for Kids

READ MORE STORIES IN ENGLISH

Interactive Children’s Stories For Church

Best Bedtime Story For Kids With Moral

Dinosaur Bedtime Stories For Kids

Cat Bedtime Story For Kids

Unicorn Bedtime Stories For Kids

The Little King – Story For Kids’ Bedtime

Story For Kids’ Bedtime Aladdin And His Magic Lamp Story

Dojo And The 7 Wonders – Story For Kids’ Bedtime

New Bedtime Stories Of Princess In Hindi

Bedtime Detective Stories For Kids

STORIES IN HINDI

10+ Short Story For Kids In Hindi – Bacchon Ki Kahaniyan

ड़ोजो और 7 अजुबें – Story For Kids In Hindi

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids In Hindi

लिली और भगवान-Story For Kids In Hindi

छोटा राजा -Story For Kids In Hindi

Princess Story in Hindi

3 thoughts on “Jabez Bible Story and Prayer in Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *