अलादीन के चिराग की कहानी तो आपने कभी ना कभी तो सुनी ही होगी । जिसमें आपने सुना होगा की अलादीन को एक जादुई चिराग मिल जाता है और उसका वह इस्तेमाल करता है। अलादीन की कहानी बहुत लोकप्रिय है और इस कहानी को सुनने में बच्चें अत्यधिक रुचि दिखते है। अब ऐसे में उन्हें यह कहानी जरूर सुननी चाहिए । तो चलिये जानते हैं अलादीन की कहानी बच्चों के लिए।

Read This in English – Aladdin and The Magic Lamp

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi
अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi

बहुत समय पहले अफगानिस्तान की छोटे से शहर में कासिम नाम का दर्जी रहता था । वह बहुत गरीब था |
बड़ी मुश्किल से अपना परिवार चला पाता था। उसके साथ उसकी पत्नी और उसका बेटा अलादीन रहता था ।

अलादीन बचपन से ही शरारती बच्चा था और उसका मन सिर्फ खेलकूद में ही लगता था | हर एक पिता की तरह अलादीन के पिता को भी इस बात की चिंता होती थी की, अलादीन आगे क्या करेगा? उसका भविष्य कैसा होगा?

इस वजह से अलादीन के पिता चाहते थे, कि अल्लादीन उनके काम को सीखे ताकि भविष्य में अल्लादीन को पैसे का मोहताज ना होना पड़े | लेकिन अलादीन तो ठहरा मस्त मौला लड़का । वह किसी की बात नहीं सुनता था।

किसी बीच अलादीन के पिता की तबीयत खराब होने से उनकी मौत हो गई | अलादीन को संभालने का काम उसकी मां पर आ गया । अब उसकी माँ को भी अलादीन की चिंता होने लगी थी। लेकिन अलादीन की माँ ने अलादीन को कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होने दी । लेकिन, फिर भी अलादीन की माँ अलादीन को लेकर चिंतित थी। क्योंकि अलादीन कोई भी काम नहीं करना चाहता था ।
वह हमेशा आवारागर्दी करता था |

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi
अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi

एक दिन अलादीन घर के बाहर गलियों में घूम रहा था कि, तभी एक अजनबी उसके पास आया वह अजनबी एक जादूगर था |

अजनबी अलादीन के पास गया और जाकर बोला, “क्या तुम मुस्तफा दर्जी के बेटे हो?”

अलादीन बोला, “हाँ लेकिन मेरे पिता तो बहुत पहले मर चुके हैं।”

उस अजनबी ने अलादीन के साथ हमदर्दी जताते हुए कहा,
“अरे मेरे बच्चे मैं तुम्हारा चाचा हूं।”

“तुम्हारे पिता मेरे बड़े भाई थे मैं उनकी मौत की खबर सुनकर बहुत दुखी हुआ।”

उसके बाद जादुगर ने अलादीन को कुछ अशरफिया दी
और कहा, “अब तुम घर जाओ और माँ को कहना कि मैं कल तुम्हारे घर आऊंगा।”

अगले दिन वह जादुगर अलादीन के घर आया और साथ ही बहुत सारे तौफे भी साथ लाया । उस जादुगर के घर पहुंचते ही अलादीन की मां ने उससे कहा, “मेरे पति के तो कोई भाई नहीं है”

फिर उस जादूगर ने अलादीन की मां को कहा, “40 साल पहले काम करने मैं बगदाद चल दिया था और मेरे भाई से मेरी खास नहीं जमती थी । इसलिए शायद आपको कभी भाई ने बताया नहीं होगा।”

अब तो जादूगर की ऐसी बातों को सुनकर अलादीन की माँ को भी विश्वास करना पड़ा । जादूगर ने अलादीन की मां से पूछा, “अलादीन क्या काम करता है?”

अलादीन की मां ने रोते हुए कहा, “अलादीन कोई काम नहीं करता और दिन भर घूमता रहता है।”

जादूगर ने अलादीन की माँ को कहा, “आप चिंता मत करो मैं इसे काम दिला दूँगा।”

फिर यह बोलकर अलादीन को अपने साथ ले गया और वह अलादीन को काम के बहाने एक घने जंगल में ले गया और एक गुफा के पास जाकर अलादीन के साथ खड़ा हो गया ।
जिससे कि अलादीन बिल्कुल घबरा गया।

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi
अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi

उस जादुगर ने अलादीन से कहा” तुम्हारे गरीबी के दिन खत्म होने वाले अलादीन इस गुफा के अंदर बेशकीमती खजाने हैं।”

यह सुनकर अलादीन खुश हो गया और उस जादूगर से पूछा, “खजाने को पाने के लिए क्या करना पड़ेगा?”

जादूगर ने बोला, “मैं तुम्हें अंदर जाने का रास्ता बताऊंगा लेकिन तुम्हें मेरे लिए अंदर में एक चिराग रखी हुई है उसे लाना होगा|”

अलादीन इसके लिए तुरंत तैयार हो गया ।
जादुगर ने मंत्र उच्चारण करके गुफा के दरवाजे को खोला और उसके बाद अलादीन उस गुफा के अंदर चला गया ।

अलादीन चिराग के पास तक पहुंच गया लेकिन अलादीन जैसे ही जादुई चिराग को उठाया गुफा के दरवाजे बंद हो गए। जिससे कि अलादीन घबराते हुए गुफा के दरवाज़े के पास गया और उस जादुगर से कहा, “मुझे यहां से निकालो ।” यह सब देखकर जादूगर भी घबरा गया और वहां से निकल गया ।

जैसे-तैसे अलादीन चिराग को लेकर गुफा से बाहर निकला और अपने घर पहुंचा। अलादीन घर पहुंच कर सोचने लगा कि इस चिराग में ऐसा क्या है? जो जादूगर इसके पीछे पड़ा है ।

अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi
अलादीन का जादुई चिराग-Story For Kids in Hindi

उसे लगा कि शायद यह चिराग बहुत ही कीमती है
और वह उसी रात को उसे बेचने के लिए उसे कपड़े से साफ कर रहा था। साफ करते वक्त अचानक से उस चिराग से 1 जिन्न बाहर निकला और बोला, “क्या हुक्म है मेरे आका ।”

यह देखकर अलादीन घबरा गया और उस जिन्न से पूछा कि तुम कौन हो । जिन्न ने जवाब में कहा, “यह चिराग जिसके पास होता है मैं उसका गुलाम हो जाता हूं।”

इसके बाद से अलादीन की सारी मुश्किलें खत्म हो गई। उसे जो भी जरूरत पड़ती चिराग के जिन्न से मांग लेता ।
कहते हैं कि अलादीन जिन्न को कभी भी गुलाम नहीं समझाता था । अपने भाई की तरह ही रखा था ।

अलादीन ने अपनी मौत से पहले जिन्न को एक आखरी हुक्म दिया कि तुम ऐसी जगह दफना हो जाओ कि तुम्हें कभी भी कोई नहीं खोज सके । और जिन ने ऐसा ही किया । कुछ लोगों का मानना है कि अलादीन का चिराग सेंट्रल एशिया की पहाड़ों पर दफ़न है ।

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